पटनाः ड्रग इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार के ठिकानों पर छापेमारी, कमरे में पांच बोरा नोट बरामद, 1.5 करोड़ नकदी, ढाई किलो चांदी और आधा किलो से अधिक सोना जब्त
By एस पी सिन्हा | Published: June 25, 2022 07:00 PM2022-06-25T19:00:50+5:302022-06-25T19:01:42+5:30
बिहार में पटना के सुल्तानगंज स्थित मलेरिया ऑफिस के पास इनका घर है. इसके साथ ही पटना के ही गोला रोड में इनका प्राइवेट ऑफिस, गया में फ्लैट और प्राइवेट फार्मेसी कॉलेज शामिल हैं.
पटनाः निगरानी ब्यूरो की टीम पटना के ड्रग इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार के ठिकानों पर छापेमारी की है. आय से अधिक संपत्ति मामले में जब निगरानी ब्यूरो ने छापा मारा तो उनकी अकूत संपत्ति को देख सभी दंग रह गये. पटना में पदस्थापित ड्रग इंस्पेक्टर के 5 ठिकानों पर सुबह से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो एक साथ छापेमारी की.
बताया जाता है कि पटना के सुल्तानगंज स्थित मलेरिया ऑफिस के पास इनका घर है. इसके साथ ही पटना के ही गोला रोड में इनका प्राइवेट ऑफिस, गया में फ्लैट और प्राइवेट फार्मेसी कॉलेज शामिल हैं. इन सभी ठिकानों पर निगरानी की अलग-अलग टीम मौजूद है और कागजात से लेकर काफी कुछ खंगाल रही है. सूत्रों के अनुसार सुल्तानगंज के घर से अब तक काफी कुछ मिला है.
निगरानी ब्यूरो की टीम ने जितेन्द्र कुमार के एक कमरे को खोला तो अवाक रह गई. उस कमरे में पांच बोरा नोट मिला है. इसके बाद बैंक से नोट गिनने की मशीन मंगाई गई. अनुमान के मुताबिक करीब 1.5 करोड़ रुपये नकदी हो सकता है. यहां से अब तक ढाई किलो चांदी और आधा किलो से अधिक सोना की ज्वेलरी मिली है.
हालांकि, इसमें कुछ ज्वेलरी जितेंद्र कुमार के भाई की पत्नी के भी बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि छापेमारी में निगरानी विभाग की टीम को प्रॉपर्टी के कई दस्तावेज भी हाथ लगे हैं. इसमें दानापुर के जलालपुर सिटी में एक फ्लैट के अलावा गया, जहानाबाद में मकान और जमीन के कागजात मिले हैं. जबकि पटना के ही ईस्ट बोरिंग कैनाल रोड में जितेंद्र कुमार ने एक फ्लैट खरीदा है.
इन्होंने दूसरा फ्लैट झारखंड की राजधानी रांची में खरीदा है. जांच टीम का दावा है कि काली कमाई के जरिए अर्जित की गई चल-अचल संपत्तियों से जुडे़ और भी कागजात मिल सकते हैं. इसके बारे में काफी खुलासा हो सकता है. उनका सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. निगरानी ब्यूरो की टीम नोटों का मिलान कर रही है.
बताया जा रहा है कि जितेंद्र कुमार अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे. आरोप है कि सरकारी नौकरी करते हुए इन्होंने जमकर भ्रष्टाचार किया है. इनके खिलाफ राज्य सरकार के पास लगातार शिकायतें आ रही थी. इसके बाद ही मामला निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपा गया.
फिर एक टीम बनाकर जितेंद्र कुमार के ऊपर लगे आरोपों की जांच कराई गई. इसमें इनके खिलाफ काफी सबूत मिले. काली कमाई का मामला सही पाया गया. फिर निगरानी थाने में ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में 2 करोड़ से अधिक की प्राथमिकी दर्ज की गई.