पत्नी से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने पर पति के खिलाफ 377 का मामला दर्ज, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जल्द
By कोमल बड़ोदेकर | Published: July 21, 2018 08:42 AM2018-07-21T08:42:15+5:302018-07-21T08:51:22+5:30
दिल्ली हाई कोर्ट ने मजह दो दिन पहले ही मैरिटल रेप पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि पति महिला पर जबर संबंध बनाने का दबाव नहीं बना सकता, लेकिन इस फैसले के महज दो दिन बाद ही एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमें पति अपनी पत्नि पर जबरन ओरल सेक्स करने के का दबाव बना रहा था।
नई दिल्ली, 21 जुलाई। दिल्ली हाई कोर्ट ने मजह दो दिन पहले ही मैरिटल रेप पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि पति महिला पर जबर संबंध बनाने का दबाव नहीं बना सकता, लेकिन इस फैसले के महज दो दिन बाद ही एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमें पति अपनी पत्नि पर जबरन ओरल सेक्स करने के का दबाव बना रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला गुजरात के बनासकांठा जिले का है। जहां एक महिला ने अपने पति के खिलाफ जबरन अप्राकृतिक सेक्स करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है। महिला ने आईपीसी की धाराओं 375 और 377 के तहत पति के खिलाफ केस दर्ज करवाया है।
अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है जहां अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने, ओरल सेक्स करने के लिए प्रताड़ित करने और दबाव डालने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए हरी झंडी देते हुए पति के खिलाफ नोटिस जारी किया है।
अपनी याचिका में महिला ने अपने पति पर आरोप लगाते हुए कहा है कि विवाह के चार साल के दौरान पति ने उस पर ओरल सेक्स और अप्राकृतिक संबंध बनाने का दबाव डाला। सहमति के बिना पति ने यौन संबंध के वीडियोज भी बनाए। इस मामले में जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस एमएम शांतनगौदार की बेंच में आरोपी पति को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
बता दें कि दो दिन पहले ही एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि पति यौन संबंध बनाने के लिए अपनी पत्नी को प्रताड़ित या दबाव नहीं डाल सकता। कई बार ये दबाव आर्थिक भी होता है जिसमें घर खर्च, बच्चों की स्कूल की फीस जैसी और अन्य कई चीजें शामिल हैं। कोर्ट ने कहा था कि पति इन खर्चों को रोकता है तो पत्नि को मजबूरी में जबरन यौन संबंध बनाना पड़ता है। ये अपराध की श्रेणी है।