Online investment scam: बेंगलुरु के एक कपल ने 1 करोड़ 40 लाख गंवाए, ब्रिटेन में बैठकर लूटे पैसे, जानें मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 10, 2024 12:10 PM2024-08-10T12:10:10+5:302024-08-10T12:12:23+5:30
Online investment scam: ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले में बेंगलुरु के एक कपल ने 1 करोड़ 40 लाख गंवा दिए थे। टेक इंडस्ट्री में काम करने वाले कपल को हाई रिटर्न का झांसा देकर जालसाजों ने फंसाया था।
Online investment scam: ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले में बेंगलुरु के एक कपल ने 1 करोड़ 40 लाख गंवा दिए थे। टेक इंडस्ट्री में काम करने वाले कपल को हाई रिटर्न का झांसा देकर जालसाजों ने फंसाया था। जब कपल को अपने साथ हुए धोखाधड़ी का पता चला तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की। स्थानीय पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया की बदौलत कपल को खोए हुए पैसे का एक बड़ा हिस्सा सफलतापूर्वक वापस मिल गया।
बेंगलुरु में ईस्ट डिवीजन साइबर क्राइम पुलिस ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपति से ठगे गए 1.53 करोड़ रुपये में से 1.4 करोड़ रुपये वापस पाने में सफलता पाई। आमतौर पर ऑनलाइन फ्राड की शिकार हुए लोगों को उनके खोए पैसे वापस मिलने की संभावना बेहद कम होती है। लेकिन इस मामले में बेंगलुरु पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने कमाल का काम किया। भले ही कपल को पूरे पैसे न मिले हों लेकिन एक बड़ी रकम वापस मिल गई।
क्या है मामला
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, बनसवाड़ी में रहने वाले दंपत्ति धोखेबाजों के जाल में फंस गए। स्कैमर्स ने उन्हें निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करके अपने जाल में फंसाया था। ये पूरा गैंग ब्रिटेन में बैठकर काम करता था। घोटालेबाजों ने चुराए गए धन को रखने के लिए उत्तर भारत के कुछ व्यक्तियों के खाते किराए पर लिए थे। कपल को कोई शक न हो इसलिए भ्रम बनाए रखने के लिए, धोखेबाजों ने उन्हें एक नकली वेबसाइट का लॉग इन पासवर्ड दिया और कहा कि इस पर निवेश की गई राशि को ट्रैक किया जा सकता है।
शुरुआत में कपल को अपने निवेश में अच्छी खासी बढ़ोतरी दिखी। कपल ने कुछ महीनों बाद अपने फंड का एक हिस्सा निकालने का प्रयास किया। लेकिन बहुत कोशिश के बाद भी वह अपने पैसे वापस लेने में सफल नहीं हुए। यहां तक कि धोखाधड़ी वाली वेबसाइट अचानक बंद हो गई। उन्हें प्लेटफॉर्म से पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया। इससे कपल के होश उड़ गए।
इसके बाद दंपत्ति ने घोटाले के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने सावधानीपूर्वक जांच और बैंक अधिकारियों के साथ समन्वय के माध्यम से सफलतापूर्वक पता लगाया कि पैसे किस-किस अकाउंट में भेजे गए हैं। इसके बाद घोटाले में शामिल 50 से अधिक खातों को फ्रीज कर दिया गया। पुलिस की तेज कार्रवाई से चोरी की गई धनराशि का एक बड़ा हिस्सा वापस मिल गया।