VIDEO:ओडिशा में बीजेपी महिला कार्यकर्ताओं और पुलिस में ऐसे हुई मारपीट, पिपिली रेप कांड से जुड़ा है मामला
By पल्लवी कुमारी | Published: January 21, 2019 07:49 PM2019-01-21T19:49:01+5:302019-01-21T19:49:01+5:30
पिपिली रेप कांड और मर्डर केस साल 2011 में हुआ था। 28 नवंबर 2011 को 19 वर्षीय एक लड़की धान के खेत में बेहोश मिली थी। जिसके बाद ये पता चला कि उसके साथ गैंगरेप किया गया है।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सोमवार( 21 जनवरी) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) महिला मोर्चा की कार्यकर्ता और पुलिस के बीच हाथापाई हो गई। न्यूज एजेंसी द्वारा जारी एक वीडियो में बीजेपी की महिला कार्यकर्ता और महिला पुलिस के बीच झड़प होते दिख रही है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
बता दें कि ये पूरा मामला पिपिली गैंगरेप और मर्डर केस से जुड़ा हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि पुलिस प्रशासन इस घटना पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। न्यूज एजेंसी द्वारा जारी वीडियो में ओडिशा पुलिस और बीजेपी महिला कार्यकर्ताओं से जिस तरह से जुझते हुए दिख रही हैं, उसको देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी महिला कार्यकर्ता पुलिस के रवैये से किस कदर परेशान है।
#WATCH: Scuffle breaks out between the police and BJP Women Wing workers in Bhubaneswar during a protest over Pipili gang rape-and-murder case. #Odishapic.twitter.com/1uDq3PfhWH
— ANI (@ANI) January 21, 2019
इससे पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर पिपिली रेप केस के खिलाफ धरना दिया और ओडिशा सरकार को निशाने पर लिया है। न्यूज चैनेल आजतक के मुताबिक, बीजेपी का आरोप है कि ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार बेवजह बिना किसी मतलब के पीड़ित परिवार को जानबूझ कर इंसाफ नहीं दिला रही है। विरोध प्रदशर्न के दौरान पुलिस ने सड़कों पर जब जाम खुलवाने का प्रयास कर रही थी तो इसी दौरान में दोनों पक्षों में हाथापाई हो गई।
खबरों के मुताबिक, इस घटना के बाद कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है।
क्या था पिपिली रेप कांड और मर्डर केस
पिपिली रेप कांड और मर्डर केस साल 2011 में हुआ था। 28 नवंबर 2011 को 19 वर्षीय एक लड़की धान के खेत में बेहोश मिली थी। जिसके बाद ये पता चला कि उसके साथ गैंगरेप किया गया है। जिसके बाद पीड़िता को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया गया था। पीड़िता इलाज के दौरान कोमा में चली गई थी। जिसके बाद पूरे प्रदेश में इस बात को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन किए गए थे। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटना के बाद प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री प्रदीप महारथी पर भी आरोप लगे कि वो आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जिसके बाद कृषि मंत्री प्रदीप महारथी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।