निर्भया केस: मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, कोर्ट ने कहा, 'राष्ट्रपति के फैसले के परीक्षण का आधार नहीं'

By स्वाति सिंह | Published: January 29, 2020 10:43 AM2020-01-29T10:43:54+5:302020-01-29T10:54:14+5:30

दिल्ली में 2012 में हुये इस जघन्य अपराध के लिये चार मुजरिमों को अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी। इन दोषियों में से एक मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी जिसके खिलाफ इस दोषी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है। 

Nirbhaya Case: SC dismisses petition Mukesh says there is no merit in the contention | निर्भया केस: मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, कोर्ट ने कहा, 'राष्ट्रपति के फैसले के परीक्षण का आधार नहीं'

दिल्ली में 2012 में हुये इस जघन्य अपराध के लिये चार मुजरिमों को अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी।

Highlightsमुकेश कुमार सिंह की आखिरी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी। दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर SC में याचिका दायर की थी

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में दोषी मुकेश सिंह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कोई सबूत नहीं है कि प्रासंगिक दस्तावेज राष्ट्रपति के सामने नहीं रखे गए थे। मुकेश ने अपनी दया याचिका खारिज करने के लिए खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली। दिल्ली में 2012 में हुये इस जघन्य अपराध के लिये चार मुजरिमों को अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी। इन दोषियों में से एक मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी जिसके खिलाफ इस दोषी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने इस याचिका पर मुकेश कुमार सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश और केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनी थी। 

केन्द्र ने मुकेश कुमार सिंह की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये पीठ से कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले के साथ जेल में दुर्व्यवहार दया का आधार नहीं हो सकता है। सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस आरोप का गलत बताया कि दोषी मुकेश कुमार सिंह को जेल में एकांत में रखा जा रहा है। 

बता दें कि मुकेश कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका अस्वीकार करने में प्रक्रियागत खामियां हैं और उसके मामले में विचार करते समय उसे एकांत में रखने सहित कतिपय परिस्थितियों और प्रक्रियागत खामियों को नजरअंदाज किया गया। मुकेश कुमार सिंह दया याचिका खारिज होने के बाद ही अदालत ने चारों मुजरिमों -मुकेश, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार, को एक फरवरी को सुबह छह बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिये आवश्यक वारंट जारी किये थे। इससे पहले अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने के लिये वारंट जारी किये थे। 23 वर्षीय निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया का बाद में 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया था।

निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में मौत की सजा पाए जाने वाले चारों दोषियों में से एक अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर की। जेल अधिकारियों ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह ने मंगलवार को याचिका दाखिल की। मालूम हो कि मुकेश और विनय की सुधारात्मक याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। साथ ही मुकेश की दया याचिका भी राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं।

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Web Title: Nirbhaya Case: SC dismisses petition Mukesh says there is no merit in the contention

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