निर्भया मामला: चारों दोषियों की फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई आज, जारी हो सकता है नया डेथ वारंट
By स्वाति सिंह | Published: February 17, 2020 08:23 AM2020-02-17T08:23:28+5:302020-02-17T08:23:28+5:30
निर्भया के माता-पिता ने चारों दोषियों की फांसी में देरी के खिलाफ, जबकि गुनहगारों के परिजनों ने मृत्युदंड के विरूद्ध गुरुवार को प्रदर्शन किया था। निर्भया मामले में दोषियों के खिलाफ नए वारंट की मांग को लेकर याचिकाओं पर अदालत द्वारा सुनवाई सोमवार तक स्थगित किए जाने के बाद ये प्रदर्शन हुआ था।
पटियाला हाउस कोर्ट आज (सोमवार को) निर्भया कांड के दोषियों की फांसी के लिए नए डेथ वारंट की मांग याचिका पर सुनवाई करेगा। यह याचिका राज्य और निर्भया के माता-पिता की ओर से दायर की गई है। बता दें, निर्भया से 16-17 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और दरिंदगी के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था।
इससे पहले निर्भया के माता-पिता ने चारों दोषियों की फांसी में देरी के खिलाफ, जबकि गुनहगारों के परिजनों ने मृत्युदंड के विरूद्ध गुरुवार को प्रदर्शन किया था। निर्भया मामले में दोषियों के खिलाफ नए वारंट की मांग को लेकर याचिकाओं पर अदालत द्वारा सुनवाई सोमवार तक स्थगित किए जाने के बाद प्रदर्शन हुआ था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने मामले में चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता के लिए एक वकील को नियुक्त किया था। कानूनी मदद के लिए दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) द्वारा मुहैया कराए गए वकील की सेवा लेने से उसने इनकार कर दिया था। दोषियों में अब तक केवल गुप्ता ने ही सुधारात्मक याचिका याचिका दायर नहीं की है। उसके पास दया याचिका दायर करने का भी विकल्प है।
इससे पहले निचली अदालत ने 31 जनवरी को अगले आदेश तक के लिये चारों दोषियों, मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार को फांसी देने पर रोक लगा दी थी। ये चारों दोषी इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी और अलग-अलग नहीं।
बता दें, चलती बस में हुई दरिंदगी के बाद निर्भया की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। मामले के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी,जबकि छठा आरोपी किशोर था, जिसे तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया।