निर्भया केस: दोषियों का सौ-सौ किलो का पुतला बनाकर हो रहा फांसी का ट्रायल, साफ की गई तख्त के पास की घास फूस
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: December 10, 2019 02:41 PM2019-12-10T14:41:30+5:302019-12-10T14:43:34+5:30
डमी को लटकाकर देखा जा रहा है कि फांसी का फंदा क्या वजन सह पाएगा। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को जब फांसी देने का ट्रायल किया गया था तब रस्सी टूट गई थी।
2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में सजा पाए दोषियों को फांसी पर लटकाने की तैयारियां तिहाड़ जेल में जोरों पर हैं। जेल प्रशासन ने ब्लैक वारंट मिलने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहता है कि फांसी के दिन किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो। इसके लिए फांसी की रस्सियों का इंतजाम हो या फांसी के तख्त के आस पास साफ सफाई, सभी तरह की तैयारियां की जा रही है। जल्लाद का प्रबंध किया जा रहा है। सबसे अहम बात है फांसी पर लटकाने की प्रक्रिया की तैयारी।
एनबीटी की खबर के मुताबिक, तिहाड़ जेल प्रशासन दोषियों का डमी बनाकर उसे फांसी के फंदे पर लटकाकर देख रहा है। डमी सौ-सौ किलो के बनाए गए हैं। डमी में इतना वजन लाने के लिए उनमें रेत भरी गई है।
डमी को लटकाकर देखा जा रहा है कि फांसी का फंदा क्या वजन सह पाएगा। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को जब फांसी देने का ट्रायल किया गया था तब रस्सी टूट गई थी। इस बार जेल प्रशासन किसी भी तरह की चूक से बचने की हर संभव कोशिश कर रहा है।
जेल के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि जरूरत पड़ने पर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र या फिर बंगाल से जल्लाद बुलाया जा सकता है। तिहाड़ प्रशासन का यह भी कहना है कि जेल में इस समय हर तरफ निर्भया मामले की ही चर्चा है।
फांसी की तैयारी की तहत दोषियों में खौफ देखा जा रहा है। बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के बसंत विहार इलाके में 6 लोगों चलती बस में मेडिकल की एक छात्रा के साथ गैंगरेप कर उसकी नृशंस हत्या कर दी थी। मामले एक दोषी ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक दोषी को नाबालिग होने के नाते बाल सुधार गृह भेजा गया था और बाकी बचे चार दोषियों को अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।
माना जा रहा है कि इसी 16 दिसंबर को निर्भया की सातवीं बरसी के दिन दोषियों को फांसी दी सकती है।