निर्भया केसः दोषी विनय शर्मा को झटका, पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा-मेंटल बहाना गलत, यह एक नाटक
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 22, 2020 05:27 PM2020-02-22T17:27:06+5:302020-02-22T18:07:25+5:30
निर्भया दुष्कर्म और हत्या के चार दोषियों में से एक दोषी के मानसिक बीमारी से जूझने के दावे को तिहाड़ जेल प्रशासन ने शनिवार को ‘‘तोड़े मरोड़े गए तथ्यों का पुलिंदा’’ बताया है। जेल के अधिकारियों ने शनिवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा को बताया कि सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ है कि दोषी विनय कुमार शर्मा ने चेहरे को खुद ही जख्मी कर लिया और वह किसी मनोवैज्ञानिक विकार से ग्रस्त नहीं है।
दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों में एक विनय कुमार शर्मा की याचिका खारिज कर दी।
इस याचिका में उसने दावा किया था कि वह मानसिक बीमारी से जूझ रहा है और उसे उपचार की जरूरत है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषी विनय कुमार शर्मा द्वारा दाखिल याचिका खारिज कर दी । याचिका में दावा किया गया था कि उसके माथे पर गहरी चोट है, दायीं बांह टूटी हुई है और उसपर प्लास्टर है। वह मानसिक बीमारी और सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त है।
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने उसके दावों को ‘‘तोड़े मरोड़े गए तथ्यों का पुलिंदा’’ बताया और अदालत से कहा कि सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ है कि दोषी विनय कुमार शर्मा ने चेहरे को खुद ही जख्मी कर लिया और वह किसी मनोवैज्ञानिक विकार से ग्रस्त नहीं है । जेल की तरफ से पेश मनोचिकित्सक ने कहा कि रोजाना आधार पर सभी चारों दोषियों की चिकित्सा जांच की गयी और सभी ठीक हैं ।
During the hearing of 2012 Delhi gang-rape case, the court observed, 'General anxiety and depression in case of a death row convict is obvious. In the case at hand, evidently, adequate medical treatment and psychological help have been provided to the condemned convict'. https://t.co/Sp9szQFGZI
— ANI (@ANI) February 22, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘चिकित्सा रिकार्ड कहते हैं कि वह किसी तरह की भी मानसिक बीमारी से ग्रस्त नहीं है और किसी अस्पताल में उसकी जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है। जेल के डॉक्टर नियमित तौर पर उसकी जांच कर रहे हैं।’’ जेल की तरफ से पेश मनोचिकित्सक ने कहा कि रोजाना आधार पर सभी चारों दोषियों की चिकित्सा जांच की गयी और सभी ठीक हैं । अभियोजक ने कहा, ‘‘वह अपनी मां और वकील से बात करता है। इसलिए यह कहना गलत होगा कि वह किसी को पहचान नहीं रहा है।’’
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि दोषी के हाथ पर प्लास्टर है। यह दिखाता है कि वह चोटिल है और उसने खुद से जख्म नहीं बनाए हैं। दोषी की ओर से पेश वकील ए पी सिंह ने कहा, ‘‘जेल उसके बारे में अदालत में तथ्य क्यों छिपा रहा है ? दस्तावेज क्यों नहीं दाखिल किए जा रहे हैं। ’’ बहरहाल, तिहाड़ के अधिकारियों ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि उसकी बांह पर प्लास्टर है। बांह टूटी हुई नहीं है। उसके हाथ पर बस एक पट्टी है। अपनी याचिका में विनय ने कथित मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया तथा मस्तिष्क और बांह पर चोट के लिए बेहतर उपचार कराए जाने की मांग की है।
जेल अधिकारियों के मुताबिक, तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में सिर मारकर खुद को उसने जख्मी कर लिया था। याचिका में दावा किया गया है कि शर्मा के परिवारवालों के आग्रह पर उसके वकील जेल में देखने गए तो उन्होंने देखा कि उसके माथे पर गहरी चोट है, दायीं बांह टूटी हुई है और उसपर प्लास्टर है। वह मानसिक बीमारी और सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त है।
याचिका में कहा गया कि शर्मा जेल में अपने वकील और अपनी मां को नहीं पहचान सका। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषियों के खिलाफ तीन मार्च को फांसी के लिए अदालत ने 17 फरवरी को नया मृत्यु वारंट जारी किया था।