निर्भया केस: फांसी से पहले बदल गया दोषियों का बर्ताव, एक बेचैन तो दूसरे से नहीं खाया जा रहा खाना, डॉक्टर तैनात
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: December 12, 2019 10:54 AM2019-12-12T10:54:31+5:302019-12-12T10:54:31+5:30
राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के 14 दिन बाद दोषियों को फांसी दी जाती है लेकिन सुनने में आ रहा है कि इस केस में फांसी पहले भी दी जा सकती है।
दिल्ली के तिहाड़ जेल की सिंगल सेल में रखे गए निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड के दोषियों का बर्ताव बदल गया है। इस केस में चार दोषियों- मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को सजा-ए-मौत मिली है। एक दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका दायर की थी। दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज किए जाने के बाद चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी।
मीडिया में ऐसी अटकलें हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जा सकती है क्योंकि तिहाड़ जेल में फांसी देने का ट्रायल पहले ही शुरू हो गया है और दिल्ली की मंडोली जेल एक दोषी पवन गुप्ता को भी तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
खबर है कि फांसी की जल्द संभावना के मद्देनजर जेल में दोषियों का बर्ताव बदल गया है। टीओआई की खबर के मुताबिक, मंगलवार (10 दिसंबर) को काउंसलिंग दी गई थी।
जेल के सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से दोषियों ने जेल स्टाफ के साथ बातचीत बहुत कम कर दी है और अपने आपको अकेला रख रहे हैं।
दो दोषी मुकेश सिंह और अक्षय ठाकुर तो सामान्य व्यवहार दिखा रहे हैं लेकिन पवन गुप्ता और विनय शर्मा के व्यवहार में काफी तब्दीली देखी जा रही है। पवन गुप्ता को जब से मंडोली जेल से तिहाड़ लाया गया है, उसने खाना पीना कम कर दिया है। उसने दिन में दो बार खाने से मना कर दिया है। वहीं, कोर्ट द्वारा समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद से विनय शर्मा बेचैन देखा जा रहा है। जेल के डॉक्टर को निर्देश दिया गया है कि वह लगातार दोषियों को मॉनिटर करता रहे।
इस पहलू पर भी गौर किया जा रहा है कि कहीं दोषी तनाव में आत्महत्या जैसा कदम न उठा लें। तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि निर्भया के चारों दोषियों को 'सुसाइड वॉच' पर रखा गया है। इसके लिए जेल के कई गार्ड और एक वॉर्डन की टीम गठित की गई है।
बता दें कि एक दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका दायर की थी। राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के 14 दिन बाद दोषियों को फांसी दी जाती है लेकिन सुनने में आ रहा है कि इस केस में फांसी पहले भी दी जा सकती है। ऐसी अटकलें हैं कि दोषियों को उसी दिन फांसी दी जा सकती है जिस दिन निर्भया दरिंदगी का शिकार हुई थी।
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के बसंत विहार इलाके में एक चलती बस में मेडिकल की एक छात्रा के साथ 6 दोषियों ने हैवानियत को अंजाम दिया था, जिसकी बाद में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी।