नवाब मलिक की टिप्पणी समीर वानखेड़े का मनोबल गिरा सकती है, बॉम्बे हाईकोर्ट में NCP नेता के खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका

By अनिल शर्मा | Published: October 27, 2021 12:50 PM2021-10-27T12:50:27+5:302021-10-27T13:01:41+5:30

अधिवक्ता अशोक सरावगी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, एक मौलाना के रूप में, याचिकाकर्ता उन सभी लोगों के पुनर्वास के लिए कदम उठा रहा है जो नशे के आदी हैं।

nawab malik remarks may demoralise sameer wankhede ncb pil in bombay high court | नवाब मलिक की टिप्पणी समीर वानखेड़े का मनोबल गिरा सकती है, बॉम्बे हाईकोर्ट में NCP नेता के खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका

नवाब मलिक की टिप्पणी समीर वानखेड़े का मनोबल गिरा सकती है, बॉम्बे हाईकोर्ट में NCP नेता के खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका

Highlightsयह जनहित याचिका मुंबई निवासी एक मौलाना और व्यवसायी ने दायर की है याचिकाकर्ता ने कहा कि 'बोलने के अधिकार का इस्तेमाल किसी व्यक्ति का मनोबल गिराने के लिए नहीं किया जा सकता

मुंबईः बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारियों पर किसी भी तरह से टिप्पणी करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। यह जनहित याचिका मुंबई निवासी एक मौलाना और व्यवसायी ने दायर की है।

अधिवक्ता अशोक सरावगी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, एक मौलाना के रूप में, याचिकाकर्ता उन सभी लोगों के पुनर्वास के लिए कदम उठा रहा है जो नशे के आदी हैं। याचिकाकर्ता ने कहा है कि एनसीबी ऐसी दवाओं की खपत यहां तक कि उन माफियाओं को रोकने के लिए कदम उठा रही है जो देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद हुई कई जांचों का जिक्र करते हुए याचिका में कहा गया है कि जांच एनसीबी, केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों द्वारा की जा रही है। याचिका में कहा गया है,  समीर वानखेड़े की देखरेख में एनसीबी सबसे प्रभावी एजेंसी साबित हुई है। याचिका में दलील दी गई है कि  वानखेड़े के खिलाफ कोई शिकायत होने की स्थिति में मलिक के लिए कानूनी कार्यवाही अपनाना उचित होता। इसके बजाय मलिक ने न केवल वानखेड़े बल्कि उसकी बहन के खिलाफ भी युद्ध शुरू किया।

मलिक के ट्वीट का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि 'बोलने के अधिकार का इस्तेमाल किसी व्यक्ति का मनोबल गिराने के लिए नहीं किया जा सकता। ऐसा लग रहा था कि सभी बयान केवल समीर वानखेड़े और उनकी टीम का मनोबल गिराने के लिए जारी किए गए थे, जो इस समय क्रूज शिप ड्रग मामले की भी जांच कर रहे हैं। याचिका में आगे कहा गया है कि प्रेस को अदालती कार्यवाही से संबंधित लेख प्रकाशित करने की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका उपयोग राज्य और समाज के हित के लिए काम करने वाले अधिकारी को हतोत्साहित करने के लिए नहीं किया जा सकता है। सरावगी ने बुधवार को चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एमएस कार्णिक की बेंच के समक्ष मामले का जिक्र किया। बेंच ने उन्हें अवकाश पीठ से संपर्क करने या नियमित अदालतों के फिर से शुरू होने की प्रतीक्षा करने को कहा।

उधर, क्रूज ड्रग्स मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सईल द्वारा एनसीबी और इसके स्थानीय अधिकारी समीर वानखेड़े पर फिरौती के आरोप लगाए जाने के बाद इसकी जांच के लिए एनसीबी की 5 सदस्यी टीम दिल्ली से मुंबई पहुंच चुकी हैं। हाल ही में क्रूज ड्रग्स मामले में पंच बने प्रभाकर सईल ने समीर वानखेड़े को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया था।प्रभाकर सईल ने हाल ही में जांच एजेंसी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के खिलाफ जबरन वसूली का आरोप लगाया था। NCB के DDG ज्ञानेश्वर सिंह समेत NCB की 5 सदस्यीय टीम दिल्ली से मुंबई पहुंच चुकी हैं। ये टीम प्रभाकर सेल द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करेगी। गौरतलब है कि प्रभाकर सेल मुंबई के क्रूज ड्रग्स मामले में एक गवाह है।

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