फरार ठग ने दिल्ली में लगाया करोड़ों का चूना, कुख्यात सुभाष बंजारा की नई करतूत, 2 हजार टैक्सी मालिक शिकार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 7, 2021 08:58 PM2021-03-07T20:58:49+5:302021-03-07T21:01:06+5:30
पुलिस की ढिलाई के चलते वंजारा दिल्ली से चार माह के दौरान करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गया. यह सच्चाई सामने आने के बाद से शहर के पीड़ित भी बेहद नाराज हैं.
जगदीश जोशी
नागपुरः टैक्सी किराए पर चलाने का झांसा देकर उपराजधानी से ठगी करके फरार हुए सुभाष बंजारा ने देश की राजधानी दिल्ली में भी करीब दो हजार टैक्सी मालिकों को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है.
ठगी के प्रकरण में साढ़े पांच माह से वांछित होने के बावजूद सदर पुलिस के जांच अधिकारी ने बंजारा को खोजने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. पुलिस की ढिलाई के चलते वंजारा दिल्ली से चार माह के दौरान करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गया. यह सच्चाई सामने आने के बाद से शहर के पीड़ित भी बेहद नाराज हैं.
पुणे सहित कई शहरों में मामले दर्ज
बंजारा मूलत: जलगांव का है. उसकी ससुराल उमरेड की है. वह सालों से टैक्सी किरए पर चलाने का झांसा देकर ठगी कर रहा है. उसके खिलाफ पुणे सहित कई शहरों में मामले दर्ज हैं. उसने कोविड संक्रमण के दौरान सदर के एलआईसी चौक के पास कुक टैक्सी ट्रैवल्स कंपनी आरंभ की थी.
टैक्सी मालिकों से तरह-तरह के बहाने करने लगा
टैक्सी मालिकों को उससे जुड़ने पर टैक्सी के बदले में हर माह निश्चित राशि देने का झांसा दिया था. रिजिस्ट्रेशन के तौर पर शहर के लिए 7500 तथा बाहर के लिए 17500 रुपए लिए थे. जुलाई में टैक्सी सर्विस आरंभ की. अगस्त में नकदी भुगतान किया लेकिन सितंबर में चेक देने लगा. उनके बाउंस होने के बाद टैक्सी मालिकों से तरह-तरह के बहाने करने लगा.
पुलिस ने 250 से अधिक लोगों के बयान भी दर्ज
उनका दबाव बढ़ने पर फरार हो गया. इसके बाद बंजारा के सैकड़ों लोगों की राशि लेकर फरार होने का खुलासा हुआ. 14 सितंबर को सदर पुलिस ने दिनेश मिश्रा की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया. सूत्रों के अनुसार जांच में करीब 450 टैक्सी मालिकों से 4.20 करोड़ की ठगी किए जाने का खुलासा हुआ. पुलिस ने 250 से अधिक लोगों के बयान भी दर्ज किए.
नागपुर से फरार होने के बाद बंजारा मुंबई होते हुए दिल्ली पहुंचा. दिल्ली के वजीरपुर में नेताजी सुभाष पैलेस में उसने योयो टैक्सी सर्विस आरंभ भी. यहां भी नागपुर की तर्ज पर टैक्सी मालिकों को फांसा. दिसंबर 2020 से अब तक करीब 2 हजार टैक्सी मालिक बंजारा की योयो सर्विस से जुड़ गए. उनसे 65 से 35 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन के तौर पर लिए.
तीन साथियों को हिरासत में
हमेशा की तरह पहले माह का भुगतान वक्त पर कर भरोसा जीत लिया. इससे कई लोग उससे जुड़ गए. उसके दिए चेक बाउंस होने के बाद टैक्सी मालिकों के हंगामा मचाते ही बीते सप्ताह फरार हो गया. टैक्सी मालिकों ने वजीरोपुर थाने, डीसीपी और ईडी को इसकी शिकायत की. इसके बाद उसके तीन साथियों को हिरासत में लिया गया है.
सितंबर 2020 को सदर में मामला दर्ज होने के बाद से नागपुर के पीड़ित टैक्सी मालिक सदर पुलिस के पास बंजारा की गिरफ्तारी के लिए चक्कर काट रहे थे. बंजारा एक पीडि़त की आर्टिगा कार क्रमांक एम.एच./40/बी.जे./7207 साथ लेकर गया था. इस आर्टिगा का 5 अक्तूबर को मुंबई में चालान हुआ था.
पुलिस मूकदर्शक बनी रही
इसके बाद 11 दिसंबर को दिल्ली के कश्मीरी गेट, 8 दिसंबर को वजीराबाद तथा 13 जनवरी 2021 को कैंप चौक पर चालान हुआ था. कार मालिक को मोबाइल पर ई-चालान की सूचना मिल गई. उसने तत्काल सदर पुलिस को इसकी सूचना दी. उसे आसानी से खोजने की बजाय पुलिस मूकदर्शक बनी रही. पहले भी पीड़ित कई बार बंजारा के परिजनों को आरोपी बनाने तथा उसके दिल्ली में सक्रिय होने की सूचना लेकर पुलिस के पास गए थे. पुलिस ढिलाई के चलते बंजारा आसानी से दिल्ली में ठगी की एजेंसी चलाता रहा.
दिल्ली में सक्रिय होना ही कई सवाल पैदा करता है
मूकदर्शक बना रहा जांच अधिकारी सदर पुलिस का जांच अधिकारी आरंभ से ही बंजारा को संरक्षण देने की भूमिका अपना रहा था. बंजारा परिवार के साथ कलमना के भरतवाड़ा में रहता था. उसके परिजन जब मकान खाली कर भाग रहे थे. उस वक्त ही पीड़ितों को उनके जांच अधिकारी को बंजारा द्वारा परिजनों की मदद से दूसरे राज्य में रैकेट आरंभ करने की शिकायत की थी.
पीड़ितों के अनुसार जांच अधिकारी ने कार्रवाई करने की बजाय पुलिस की निगरानी में उसके परिजनों को सुरक्षित रवाना किया था. उसी वक्त उन्हें न्याय नहीं मिलने का संदेह हो गया था. इस संबंध में 'लोस' ने खबरे भी प्रकाशित की थी. करोड़ों की ठगी में वांछित सुभाष बंजारा के चार माह से दिल्ली में सक्रिय होना ही कई सवाल पैदा करता है.