मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड : सीबीआई ने 21 आरोपियों के खिलाफ स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट फाइल किया
By एस पी सिन्हा | Published: December 19, 2018 08:24 PM2018-12-19T20:24:27+5:302018-12-19T20:59:05+5:30
ब्रजेश ठाकुर के बेटे को पूछताछ के लिए ईडी ने 24 दिसंबर और पत्नी से पूछताछ के लिए 26 दिसंबर को तलब किया है। दोनों से पटना के ईडी कार्यालय में पूछताछ होगी। इसके अलावा उनकी मां आशा ठाकुर को भी समन किया गया है।
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका अल्पवास गृह मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी है। 21 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई है। ब्रजेश ठाकुर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रहने वाली 34 बच्चियों से रेप के मामले में मुख्य आरोपी है।
बताया जाता है कि इससे पहले पुलिस ने ब्रजेश ठाकुर समेत 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई 28 जुलाई से बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड की जांच कर रही है। जेल में बंद तीन अभियुक्तों की 90 दिनों की समय-सीमा गुरुवार को पूरी हो रही थी। विशेष पॉक्सो कोर्ट में सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए चार्जशीट को गोपनीय रखा गया है। वहीं इस केस के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर की पत्नी और बेटे को ईडी ने नोटिस जारी किया है।
ब्रजेश ठाकुर के बेटे को पूछताछ के लिए ईडी ने 24 दिसंबर और पत्नी से पूछताछ के लिए 26 दिसंबर को तलब किया है। दोनों से पटना के ईडी कार्यालय में पूछताछ होगी। इसके अलावा उनकी मां आशा ठाकुर को भी समन किया गया है।
बता दें कि पिछले महीने बालिका गृह मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने नीतीश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि पूरे मामले में राज्य का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, अमानवीय और लापरवाही भरा है। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में मौजूद मुख्य सचिव से पूछा था कि अगर अपराध हुआ था तो आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 और पॉक्सो एक्ट के तहत अभी तक मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया?
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रह रही 44 लडकियों में 42 की मेडिकल जांच कराए जाने पर उनमें से 34 के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी है। बाकी की रिपोर्ट आनी बाकी है। मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की 'कोशिश' टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सामने आया था। करीब 100 पेज की सोशल ऑडिट रिपोर्ट को टीम ने 26 मई को बिहार सरकार, पटना और जिला प्रशासन को भेजा।
इसके बाद बालिका गृह से 46 किशोरियों को 31 मई को मुक्त कराया गया। इनको पटना, मोकामा और मधुबनी के बालिका गृह में भेजा गया। बालिका गृह का संचालन कर रही एनजीओ के लोग बच्चियों के साथ रेप करते थे। इस कांड में नेताओं की भागीदारी की बात भी सामने आई थी।