मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: CBI ने चार्जशीट में कहा, 'लड़कियों को अश्लील फिल्में दिखा कर और नशे का इंजेक्शन देकर करते थे दुष्कर्म'
By एस पी सिन्हा | Published: January 6, 2019 07:13 PM2019-01-06T19:13:27+5:302019-01-06T19:13:59+5:30
चार्जशीट में इस बात का साफ जिक्र है कि बालिका गृह में रोज ब्रजेश ठाकुर की महफिल सजती थी. ब्रजेश के अलावा बालिका अल्पवास गृह के कर्मचारी और सीडब्ल्यूसी के सदस्य सहित अन्य लोग रात में पहुंचते थे.
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका अल्पवास गृह यौन उत्पीडन मामले में सीबीआई ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 21 आरोपियों के खिलाफ विशेष पॉक्सो कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए हैं. चार्जशीट के अनुसार लडकियों को ब्लू फिल्में भी दिखाई जाती थी. इसके बाद नशे का इंजेक्शन और दवा देकर दुष्कर्म किया जाता था. विरोध करने वाली किशोरियों को कुर्सी से बांधकर हवस का शिकार बनाया जाता था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई ने चार्जशीट के अनुसार लड]कियों को गंदे भोजपुरी गानों पर डांस कराया जाता था. उन्हें नशे की सुई और दवा देकर सुला दिया जाता था. सोने के बाद उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था. चार्जशीट में स्पष्ट किया है कि बालिका गृह से जब्त बेड शीट और कपडों की मुजफ्फरपुर की एफएसएल यूनिट से जांच कराई गई. एफएसएल रिपोर्ट में ग्रे रंग की बेड शीट पर सिमेन और खून के धब्बे मिले हैं. इससे साफ है कि नाबालिग बच्चियों से यौन उत्पीडन के सबूत सामने आ गए हैं.
चार्जशीट में इस बात का साफ जिक्र है कि बालिका गृह में रोज ब्रजेश ठाकुर की महफिल सजती थी. ब्रजेश के अलावा बालिका अल्पवास गृह के कर्मचारी और सीडब्ल्यूसी के सदस्य सहित अन्य लोग रात में पहुंचते थे. नाबालिग बच्चियों को छोटे-छोटे कपडे पहनाकर अश्लील गानों पर डांस के लिए मजबूर करते और इनकार करने पर उन्हें मारा पीटा जाता था. चार्जशीट के अनुसार इस गुनाह में एक पूरा नेक्सस काम करता था जिसका मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर था.
इसमें उसके साथ रवि रोशन और मामू सहित बालिका गृह का अन्य कर्मचारी सहयोगी था. वह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लडकियों को दूसरे के पास परोसता भी था. इस गुनाह में अन्य कई बराबर के भागीदार रहे हैं. चार्जशीट के कवर पन्ने पर सीबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि बयान देने वाली किशोरियों का नाम चार्जशीट में नहीं खोला गया है. इनके नाम और केस स्टडी बंद लिफाफे में कोर्ट में दिया गया है ताकि किशोरियों की गोपनीयता बनी रहे. उल्लेखनीय है कि बीते 19 दिसंबर को सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें 33 बच्चियों समेत 102 लोगों की गवाही दर्ज है. इसमें खास बात ये है कि सीबीआई की चार्जशीट भी पुलिस की चार्जशीट के पैटर्न पर ही है.