बिहार: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस कोई पहला मामला नहीं, पहले भी हो चुकी है ऐसी शर्मनाक घटना
By एस पी सिन्हा | Published: August 4, 2018 04:47 PM2018-08-04T16:47:44+5:302018-08-04T16:47:44+5:30
पांच वर्ष पूर्व मुजफ्फरपुर के गोबरसही स्थित उत्तर रक्षा गृह में भी लडकियों के साथ दुष्कर्म हुआ था और गर्भपात भी कराए थे।
पटना, 4 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित बालिका गृह में घटित यौन शोषण की घटना पर शनिवार को हायतौबा मचा हुआ है, लेकिन यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले करीब पांच वर्ष पूर्व मुजफ्फरपुर के गोबरसही स्थित उत्तर रक्षा गृह में भी लडकियों के साथ दुष्कर्म हुआ था और गर्भपात भी कराए थे। लेकिन उस घटना के बाद उसपर हुई कार्रवाई का कोई प्रतिफल अबतक सामने नही आया। इतने दिनों बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला है।
सूत्रों की मानें तो उनकी चीख फाइलों में दब गईं हैं। तत्कालीन सहायक निदेशक शैलेंद्रनाथ त्रिपाठी ने उत्तर रक्षा गृह की जांच कर मामले को सामने लाया था। जांच में पता चला था कि चाइल्ड लाइन, दरभंगा से कुछ लडकियों को मुजफ्फरपुर उत्तर रक्षा गृह में भेजा गया था। यहां उनके साथ दुष्कर्म हुआ था। बाद में गर्भपात करा दिया गया। जांच-पडताल और लडकियों से पूछताछ के क्रम में वहां आने-जानेवाले लडकों की फोटो से पहचान की गई। मामले में महिला थाने में 14 नवंबर 2013 को कांड दर्ज किया गया, इसके बाद कई बार वरीय अधिकारियों का दौरा हुआ। लेकिन, कार्रवाई किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची।
इन पांच वर्षों में नियुक्त किए गए आइओ ने भी कोई जांच रिपोर्ट पूरी नहीं की। फाइलें कहां गईं? किसी को पता नहीं। घटना सामने आने के बाद तत्कालीन कमजोर वर्ग के आइजी अरविंद पांडेय ने संज्ञान लिया था। छानबीन शुरू हुई। राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने गहनता से जांच की थी। उनके निर्देश पर लडकियों के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हुई थी। इसके बाद लगा था कि पीडित लडकियों को न्याय मिलेगा। लेकिन, समय के साथ मोटी-मोटी फाइलों में बच्चियों की चीखें दबती गईं।
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