मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा बढ़ सकती हैं मुश्किलें, CBI ने ली घर की तलाशी

By एस पी सिन्हा | Published: August 17, 2018 07:20 PM2018-08-17T19:20:15+5:302018-08-17T19:20:15+5:30

सीबीआई की छापेमारी अब खत्म होने के बाद मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के मुजफ्फरपुर स्थित होटल व मंजू वर्मा के ठिकानों से सीबीआई की टीम कई अहम सबूत अपने साथ ले गई है।

Muzaffarpur Shelter Home: Former Social Welfare Minister Manju Verma house CBI finds | मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा बढ़ सकती हैं मुश्किलें, CBI ने ली घर की तलाशी

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा बढ़ सकती हैं मुश्किलें, CBI ने ली घर की तलाशी

पटना,17 अगस्त: मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीडन कांड मामले में बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा की मुश्किलें बढती जा रही हैं। मंजू वर्मा के पटना स्थित सरकारी आवास समेत बेगूसराय स्थित उनके पैतृक आवास पर सीबीआई ने आज सुबह एकसाथ छापेमारी शुरू की। जबकि मुजफ्फरपुर में बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के संबंधियों रितेश अनुपम और मनोज कुमार के यहां छापेमारी की तथा पूछताछ कर कागजात जब्त किये। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई की छापेमारी अब खत्म होने के बाद मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के मुजफ्फरपुर स्थित होटल व मंजू वर्मा के ठिकानों से सीबीआई की टीम कई अहम सबूत अपने साथ ले गई है। जिसका खुलासा जल्द ही किया जा सकता है। इससे पहले सुबह में सीबीआई की तीन गाडियां बडी संख्‍या में पुलिस बल के साथ मंजू वर्मा के घर पहुंची, जहां मंजू के पति से भी कई घंटे तक पूछताछ की गई। इस दौरान सीबीआई की टीम मंजू वर्मा के पैतृक घर का ताला तोडकर उसके कमरे में दाखिल हुई थी। इस दौरान सीबीआई की टीम ने छापेमारी के दौरान मंजू वर्मा के आवास के एक-एक कोने की तलाशी ली। छापेमारी के दौरान सीबीआई की टीम ने बैंक के कुछ पासबुक सहित कुछ कागजात को कब्जे में लिया। हालांकि, इस संबंध में सीबीआई ने मामले में कुछ भी बताने से इनकार किया है।
तकरीबन 6:30 घंटे चली इस छापेमारी के दौरान सीबीआई सहित जिले के कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही। लेकिन मीडिया कर्मियों एवं आम लोगों को छापेमारी स्थल से दूर रखा गया था। सीबीआई की यह छापेमारी कडी सुरक्षा के बीच किया गया। वहीं, मुजफ्फरपुर के स्थित ब्रजेश ठाकुर के होटल में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की। इस छापेमारी में टीम को कई अहम कागजात हाथ लगे हैं। ब्रजेश ठाकुर के होटल का नाम आर। एम पैलेस है जहां से सीबीआई की टीम को तीन बंडल फाइल मिली है। हालांकि, मौके पर होटल कर्मचारी के अलावा ब्रजेश ठाकुर का बेटा भी मौजूद था। जबकि बालिका गृह दुष्कर्म कांड के बाद फरार चल रहे मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के सबसे करीबी सुमन शाही के घर भी सीबीआइ की छापेमारी हुई। इस दौरान मौके पर सुमन शाही मिल गया जो घर में ही छुपा था। सुमन के घर से भी सीबीआई ने कई फाइल जब्त किए हैं। 

वहीं, दोपहर में सीबीआई ने छापेमारी का दायरा बढाते हुए एक टीम ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रात:कमल के दफ्तर पहुंची। वहीं, कनोडिया सदन पहुंच कर समाज कल्याण विभाग के काउंसलर के पद पर नियुक्त सुनील कुमार झा के यहां भी सीबीआई ने छापेमारी की। साथ ही सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु के घर को भी खंगाला। जानकारी के मुताबिक, मंजू वर्मा के पीए को सीबीआई ने पहले बुलवाया फिर गाडी में साथ लेकर चली गई। सीबीआई आज सुबह करीब साढे सात बजे मंजू वर्मा के सरकारी आवास 12, स्टैंड रोड पहुंची और छानबीन शुरू की। वहीं, ब्रजेश के राजदार सुमन शाही को गिरफ्तार किये जाने की भी चर्चा है। हालांकि, अब तक किसी अधिकारी ने गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है। सीबीआई ने पटना म्यूजियम के पास मौजूद ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रात: कमल के कार्यालय भी पहुंची। दफ्तर का ताला बंद होने पर सीबीआई की टीम ने पहले ताला खुलवाया, उसके बाद वहां भी छापेमारी की। 

इधर, सीबीआई की टीम ने समाज कल्याण के पूर्व सचिव सुधीर कुमार के घर पर भी छापेमारी की है। बता दें कि मुजफ्फरपुर में बालिका गृह दुष्कर्म कांड का खुलासा होने के बाद मंजू वर्मा ने मंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया था। वहीं, इस मामले में उनके पति का नाम सामने आने के बाद मंजू वर्मा ने अपने पति का बचाव करते हुए कई अन्‍य भाजपा नेताओं के इस्‍तीफे की मांग भी की थी। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर, छपरा, हाजीपुर के बालिका गृह में कई बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई है। यह पूरा मामला तब प्रकाश में आया, जब टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई। 31 मई को बिहार सरकार को सौंपी गई। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कैसे इन बालिका गृह में छोटी-छोटी बच्चियों का शोषण किया जाता रहा है। टिस की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक बच्चियों की मेडिकल जांच में उनके शरीर के कई हिस्सों पर जलने और कटने के निशान भी मिले हैं। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक बच्चियों का रोज यौन शोषण होता था। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, यौन शोषण से पहले बच्चियों को नशे की दवाइयां दी जाती थीं या फिर नशे का इंजेक्शन लगाया जाता था।

बालिका गृह में यौन हिंसा का भंडाफोड होने के बाद फरार चल रहे मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के सबसे करीबी सुमन शाही और उसकी राजदार रही मधु कुमारी पर सीबीआइ ने दबिश तेज कर दी है। सुमन शाही ब्रजेश ठाकुर की संस्था का सारा काम देखता था और उसका राजदार है। बालिका गृह कांड का भंडाफोड होने के बाद से वह फरार था। इसके बाद सीबीआइ के अधिकारियों ने सुमन के पडोसियों से कई बिंदुओं पर पूछताछ कर जानकारी ली थी। हिरासत में लेकर चल रही पूछताछ के बाद हो सकता है कि सुमन शाही ब्रजेश ठाकुर और उसकी कारगुजारियों के बारे में सीबीआइ को बताए।

जबकि मधु बालिका गृह को संभालती थी और ब्रजेश ठाकुर की राजदार थी जो मामले के खुलासे के बाद फरार चल रही है। ब्रजेश की सभी कारगुजारियों की हमराज थी मधु। उसके सभी महत्वपूर्ण कामों में मधु उसके साथ होती थी। मधु तब ब्रजेश के संपर्क में आयी थी जब 2001 में आईपीएस अधिकारी दीपिका सूरी ने मुजफ्फरपुर के रेडलाइट एरिया चतुर्भुज स्थान इलाके में चल रहे देह व्यापार को खत्म कर दिया था। अभियान में कई तहखाने मिले, जहां लड़कियों को छुपाकर रखा गया था। दीपिका सूरी ने मोहल्ला सुधार समिति का गठन कराया था। इसमें ब्रजेश ठाकुर की इंट्री हुई और मधु सहित 12 लोग इसके सदस्य बने।

सीबीआइ की एक टीम ब्रजेश की छोटी बहन अर्चना अनुपम व बहनोई रितेश अनुपम के सिकंदरपुर आवास पर दो घंटे से ज्यादा समय तक टीम ने पूछताछ की है। अर्चना जेजे बोर्ड की सदस्य रह चुकी है। बताया जा रहा कि सदस्य रहते हुए उसने ब्रजेश को फायदा पहुंचाया। वहीं ब्रह्मपुरा में दूसरी बहन व बहनोई मनोज कुमार से भी टीम पूछताछ की है।

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