मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: CBI ने ब्रजेश ठाकुर के भाई राहुल आनंद से की पूछताछ, स्पेशल फॉरेसिंग उपकरण से शेल्टर होम की हुई जांच
By एस पी सिन्हा | Published: August 11, 2018 06:45 PM2018-08-11T18:45:17+5:302018-08-11T18:45:17+5:30
पटना,11 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित बालिका अल्पवास गृह कांड में अब कई खुलासा होने क...
पटना,11 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित बालिका अल्पवास गृह कांड में अब कई खुलासा होने की संभावना है। पहली बार सीबीआई की टीम आज सुबह बालिका गृह के अंदर प्रवेश किया। दिल्ली और पटना की सीबीआई टीम ब्रजेश ठाकुर बालिका गृह का पूर्ण रूप से निरीक्षण करने के लिए स्पेशल फोरेंसिक उपकरण साथ लाई थी।
टीम ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के पुत्र राहुल आनंद से सीबीआई के अधिकारियों ने पूछताछ भी की। वह पहली बार सामने आया है। अभी तक राहुल से इस मामले में पूछताछ नहीं हुई थी। इस दौरान सीबीआई टीम के एक सदस्य से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि डीआईजी के नेतृत्व में ये टीम जांच करने मुजफ्फरपुर पहुंची है।
टीम के सदस्यों की संख्या, जेसीबी मंगाए जाने का कारण और जांच में कुछ पाए जाने के सवाल पर सदस्य ने कुछ भी बताने से इनकार किया। साथ ही कहा कि सारे सवालों के जवाब डीआईजी साहब ही देंगे। मामले की जांच में तेजी लाने के लिए सीएफएसएल की टीम ने वैज्ञानिक सबूत एकत्र किए। एक जिला पुलिस अधिकारी ने कहा कि मुजफ्फरपुर कोर्ट में मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से पूछताछ करने के लिए उसे रिमांड पर लिए जाने का आवेदन करने से पहले टीम ने सीलबंद कमरे खोले और तलाशी ली। अधिकारी ने कहा कि टीमों ने सील किए गए कमरे खोले और मामले में और सबूत इकट्ठा करने के लिए तलाशी ली।
टीमों द्वारा की गई सभी जांच गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए वीडियोग्राफी की गई। ठाकुर को नौ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार करने के बाद बालिका गृह को जिला प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था।
वहीं, ब्रजेश ठाकुर के पुत्र राहुल आनंद ने मीडिया को बताया कि सीबीआइ पर उसे भरोसा है। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उसने भी बालिका गृह में किसी राजनेता के आने के आरोप को खारिज किया। उसने कहा कि एक बार निरीक्षण के लिए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा यहां आई थीं। सीबीआइ को जांच में वह सहयोग कर रहा। हाल के दिनों में जमीन बेचे जाने को लेकर उसने कहा कि आय के श्रोत बंद हो गए। जमीन बेचने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। बता दें कि राहुल ने 31 जुलाई को बोचहां की जमीन बेची थी। इससे पहले सुबह यहां पहुंची टीम ने मजिस्ट्रेट शीला रानी गुप्ता की मौजूदगी में बालिका गृह का कमरा खोलवाया।
कई कमरों का ताला तोड़वाया गया। फोरेंसिक टीम ने यहां की एक-एक चीज का जायजा लिया। महिला थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी को जांच के दौरान साथ रखा गया। सीबीआइ जांच से पहले वह इस कांड की अनुसंधानक (आइओ) थी। वहीं सभी फाइलों की शुरुआती जांच के बाद सीबीआइ उसे अपने साथ ले जाने के लिए सूचीबद्ध भी किया। टीम ने बालिका गृह परिसर के चप्पे-चप्पे की मापी की। मुख्य प्रवेश द्वार, ऊपर जाने वाली सीढियां समेत छोटे-बडे दरवाजे की लंबाई-चौडाई का जायजा लिया गया। वहीं, टीम ने बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रौशन की पत्नी के बयान का वीडियो भी मंगाया।
बिहार सरकार प्रायोजित इस बालिका गृह का संचालन कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति करता था। साहू रोड स्थित इसी कैंपस में ब्रजेश ठाकुर का घर और उसका प्रिंटिंग प्रेस भी है। फिलहाल उसके परिवार के सारे लोग इस कैंपस को छोड चुके हैं। वहीं, मामले की जांच कर रही सीबीआई मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को रिमांड पर लेने की तैयारी भी कर रही है। रिमांड के लिए अदालत में आवेदन देने से पहले सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर की मेडिकल रिपोर्ट अपने पास मंगवाई है।
जांच एजेंसी को पेशी के दौरान हंसते ब्रजेश ठाकुर के बीमार होने पर भी शक है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक बहुत जल्द ही मुजफ्फरपुर लोकल कोर्ट में रिमांड के लिए जरूरी दस्तावेज जमा कराया जाएगा। बालिका गृह रेप केस सामने आने के बाद ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर पुलिस ने 3 जून को गिरफ्तार किया था। इसके बाद महज 5 दिन ही जेल के वार्ड में रहकर वह अस्पताल में भर्ती हो गया। बता दें कि बालिका गृह का संचालन कर रहे ठाकुर के एनजीओ की सात महिलाकर्मियों समेत कुल 10 लोग गिरफ्तार किए गए थे।
ठाकुर समेत सभी 10 आरोपियों के खिलाफ मुजफ्फरपुर पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इससे पहले बिहार पुलिस की जांच टीम ने लडकियों के कमरों से नशे की दवाइयां और इंजेक्शन बरामद किया था। मामले की जांच 26 जुलाई को सीबीआई को सौंपने से पहले बिहार पुलिस ब्रजेश ठाकुर को रिमांड पर लेने में नाकामयाब रही, जिसके लिए उसकी काफी आलोचना भी हुई थी। इस बीच कोर्ट में पेशी के दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए ब्रजेश ठाकुर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया और इसके पीछे राजनीतिक साजिश की बात कही थी।
बालिका गृह का संचालन करने वाली संस्था सेवा संकल्प एवं विकास समिति और इस एनजीओ के पदधारकों की संपत्ति सरकार अपने कब्जे में लेगी। इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आदेश पर जिलाधिकारी मो। सोहैल ने जिले के सभी 16 अंचलाधिकारियों को पत्र लिखकर संस्था के साथ इसके पदाधिकारियों व सदस्यों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाने और उसे अपने अधीन लेने को कहा है। संस्था के सात पदाधिकारियों व सदस्यों में ब्रजेश ठाकुर की पत्नी, साला, चचेरा भाई और कुछ दूर के रिश्तेदार हैं।
मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने तीन अगस्त को (ज्ञापांक-1151) के जरिये जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। इसके आलोक में जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें विभाग के पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है- 'तदनुसार सेवा संकल्प एवं विकास समिति, साहु रोड, मुजफ्फरपुर एवं उनके पदधारकों की चल एवं अचल संपत्ति के संबंध में जानकारी प्राप्त कर उसे अपने अधीन ले लिया जाये।' डीएम ने पत्र में साफ तौर पर हिदायत दी है कि लापरवाही बरतने पर अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि सेवा संकल्प एवं विकास समिति के सदस्यों में ब्रजेश ठाकुर की पत्नी प्रो डॉ। आशा, रिश्तेदार संजय कुमार सिंह तथा चचेरे भाई रमेश कुमार भी हैं। इसके अलावा समेत चार अन्य रिश्तेदार व दोस्त हैं। ब्रजेश के साला रोहुआ मुशहरी निवासी संजय कुमार सिंह सेवा संकल्प एवं विकास समिति संस्था के अध्यक्ष हैं।
चचेरे भाई सिलौत पचदही के रहने वाले रमेश कुमार को सचिव बना रखा था। पत्नी प्रो (डॉ) आशा बतौर सदस्य नामित हैं। कोषाध्यक्ष कांटी असनगर के रहनेवाले प्रयागनाथ तिवारी उर्फ मुन्ना, बतौर कार्यकारिणी के सदस्य रघुवंश रोड निवासी किरण पोद्दार, गन्नीपुर निवासी संगीता सुभाषिणी व साहू रोड निवासी संजीता कुमारी नामित थी। ब्रजेश ठाकुर व सेवा संकल्प संस्था से जुड़े लोगों की चल-अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री पर नजर रखी जा रही है। जिला निबंधन विभाग के कातिब भी जांच एजेंसी के रडार पर हैं। विशेष शाखा की रिपोर्ट के बाद मद्य निषेध व निबंधन विभाग ने पत्र जारी कर डीएम व जिला अवर निबंधक को अलर्ट किया है। दस्तावेज तैयार करने वाले कातिबों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखते हुए कहा गया है कि यदि भविष्य में सेवा संकल्प संस्था के साथ ब्रजेश के रिश्तेदारों की संपत्ति की खरीद-बिक्री के लिए अगर चोरी-छिपे दस्तावेज तैयार करते हैं, तब वैसे कातिब को चिन्हित कर रजिस्ट्रेशन कैंसिल करते हुए सीधे प्राथमिकी दर्ज होगी।
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