मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: सीबीआई को कब्रिस्तान की खुदाई में मिला नाबालिग लड़की का कंकाल
By भाषा | Published: October 4, 2018 07:49 PM2018-10-04T19:49:37+5:302018-10-04T19:49:37+5:30
मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में रहने वाली 34 नाबालिग बच्चों के साथ बलात्कार की मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई थी।
नई दिल्ली, चार अक्तूबर: केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में अनेक लड़कियों से कथित बलात्कार और उनके यौन शोषण के मामले की जांच के दौरान एक नाबालिग लड़की का कंकाल बरामद हुआ है।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ को जांच एजेन्सी ने बताया कि उसने आश्रय गृह में रहने वाली अनेक लड़कियों से निम्हांस के विशेषज्ञों की मदद से बातचीत की है। ब्यूरो ने कहा कि उसे जांच के दौरान सामने आये तथ्यों के आलोक में उसे इन लड़कियों से एक बार फिर बात करने के लिये कुछ और समय चाहिए।
जांच ब्यूरो के वकील ने पीठ से कहा कि ये विशेषज्ञ उस अवसाद के पहलू को देख रहे थे जिससे इन लड़कियों को रूबरू होना पड़ा था और इस कवायद के अभी तक अच्छे नतीजे निकले हैं।
पीठ ने टिप्पणी की कि जांच और पुनर्वास के पहलुओं पर साथ साथ काम होना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘‘हम सिर्फ जांच के पहलू पर ही गौर नहीं कर सकते। हमें पुनर्वास के पहलू पर भी ध्यान देना होगा। यह (पुनर्वास) जांच की तरह ही महत्वपूर्ण है।’’
इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहीं वकील अपर्णा भट्ट ने कहा कि जांच एजेन्सी की जांच चल रही है और वह इस मामले में गवाहों के बयान भी दर्ज कर रही है।
टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइसेंज के वकील ने कहा कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है और इस मामले में नये तथ्य सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि कई लड़कियां अभी भी अपघात (ट्रामा) से प्रभावित हैं। जांच एजेन्सी जांच कर रही है परंतु लड़कियों को अलग से निम्हांस की काउन्सलिंग की जरूरत है और उन्हें साक्ष्य के रूप में नहीं लिया जा सकता है।
बिहार सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि इन लड़कियों के पुनर्वास की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए क्योंकि वे गंभीर अपघात के दौर से गुजरी हैं।