मुजफ्फरपुर कांड: आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बेटे से पूछताछ जारी, हो सकता है अहम खुलासा
By स्वाति सिंह | Published: August 11, 2018 12:45 PM2018-08-11T12:45:33+5:302018-08-11T12:45:33+5:30
इसके साथ ही छानबीन के लिए सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के घर और न्यूज़ पेपर ऑफिस में भी छापेमारी की।
पटना, 11 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह कांड मामले में सीबीआई अब आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बेटे राहुल आनंद से पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही छानबीन के लिए सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के घर और न्यूज़ पेपर ऑफिस में भी भी छापेमारी की। वहीं, शुक्रवार को बिहार सरकार ने ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ का पंजीकरण रद्द कर दिया। जोकि मुजफ्फरपुर में उस बालिका आश्रय गृह का संचालन कर रहा था। गौरतलब है कि यहां 34 लड़कियों का कथित रूप से यौन शोषण किया गया। इस संबंध में एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि इसके साथ ही एनजीओ की सम्पत्ति की बिक्री पर रोक लगा दी गई और बैंक खातों के लेनदेन पर भी रोक लगा दी गई।
#MuzaffarpurShelterHome case: CBI officers are interrogating accused Brajesh Thakur's son Rahul Anand. (file pic - Brajesh Thakur) #Biharpic.twitter.com/EahF8j8Mi3
— ANI (@ANI) August 11, 2018
#MuzaffarpurShelterHome case: A team of Central Bureau of Investigation and Central Forensic Science Laboratory has arrived at the shelter home for further investigation. The team will also visit accused Brajesh Thakur's residence and newspaper office. #Biharpic.twitter.com/TUn1qjZdoh
— ANI (@ANI) August 11, 2018
मुजफ्फपुर जिला पंजीकरण अधिकारी संजय कुमार के अनुसार सेवा संकल्प एवम विकास समिति के बैंक खातों के लेनदेन और उसकी चल एवं अचल सम्पत्ति की खरीद और बिक्री पर रोक का आदेश सात और आठ अगस्त को जिलाधिकारी मोहम्मद सोहैल द्वारा दिया गया।
दिलचस्प बात है कि ठाकुर का नाम एनजीओ के पदाधिकारियों और सदस्यों में शामिल नहीं है। इससे पहले सीबीआई और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीमों ने बालिका गृह मामले में जिलाधिकारी से अलग-अलग मुलाकात की थी।
क्या है पूरा मामला
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा अप्रैल में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था।
बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के चिकित्सकीय परीक्षण में उनके साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है। एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा चलाए जा रहे बालिका गृह का मालिक बृजेश ठाकुर इस मामले में मुख्य आरोपी है। इस मामले में 31 मई को 11 लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ठाकुर समेत 10 लोगों को तीन जून को गिरफ्तार किया गया था। एक व्यक्ति फरार है।
बिहार पुलिस ने 26 जुलाई को इन आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। राज्य सरकार ने 26 जुलाई को इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी और बाद में सीबीआई ने इसकी जांच राज्य पुलिस से अपने हाथ में ले ली थी।
यौन उत्पीड़न कांड का खुलासा होने के बाद से पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए संबंधित विभागों के परामर्श के साथ संस्थागत प्रणालियां विकसित करने को कहा है। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है क्योंकि समाज में सभी तरह के लोग रहते हैं और वे एक छोटा सा मौका मिलते ही गलत काम में शामिल हो सकते हैं।”
हिंदी खबरों और देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें। यूट्यूब चैनल यहां सब्सक्राइब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट।