बिहार: बैंक मैनेजर आलोक चंद्रा की मर्डर की गुत्थी सुलझी, सहकर्मी ने ही रची थी हत्या की साजिश
By भारती द्विवेदी | Published: July 17, 2018 02:02 PM2018-07-17T14:02:36+5:302018-07-17T14:41:13+5:30
Bank Manager Alok Chandra Murder Case:सहायक प्रबंधक राजेश ने ब्रजेश को समझाया कि जब तक आलोक चन्द्रा इस बैंक में हैं तब तक तुम्हारा काम नहीं हो सकता।उसे रास्ते से हटा दो तो तुम्हारा काम हो जाएगा।
नई दिल्ली, 17 जुलाई: मई में बिहार के जहानाबाद में बैंक ऑफ बड़ौदा के बैंक मैनेजर आलोक चंद्रा की हत्या हुई थी। आलोक चंद्रा की हत्या की वजह उनकी ईमानदारी थी। और यही वजह थी कि इस हत्याकांड ने पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। लगभग दो महीन बाद इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है। आलोक चंद्रा की हत्या का मास्टरमाइंड उनके ही बैंक काम करने वाला सहायक प्रबंधक राजेश कुमार है। इस हत्याकांड में पुलिस ने आरोपी कर्मचारी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस के मुताबिक ये पूरा मामला अरवल जिले के एक कारोबारी ब्रजेश कुमार द्वारा लिए गए 1.5 करोड़ के लोन से जुड़ा हुआ है।
ब्रजेश कुमार ने फर्जी दस्तावेज की मदद से बैंक से 1.5 करोड़ का लोन ले रखा था। ब्रांच मैनेजर आलोक चंद्रा को जब ये बात पता चली तो वो लगातार ब्रजेश को दस्तावेज सही करने के लिए कह रहे थे। जबकि ब्रजेश आलोक पर दबाव बनाता रहा कि वह उन फर्जी दस्तावेजों को ही सही दिखाकर रीजनल ऑफिस भेज दें, ताकि उसे लोन मिल जाए।लेकिन आलोक अपनी बात पर अड़े रहे। जिसके बाद सहायक प्रबंधक राजेश ने ब्रजेश को समझाया कि जब तक आलोक इस बैंक में हैं तब तक तुम्हारा काम नहीं हो सकता। उसे रास्ते से हटा दो तो तुम्हारा काम हो जाएगा।
जानकारी के मुताबिक राजेश की ब्रजेश पहले सी एक-दूसरे को जानते थे। प्लान बनने के बाद राजेश ने ही पांच बदमाशों को 30-30 हजारी की सुपारी दी थी। बता दें कि इसी साल 21 मई को आलोक चंद्रा की बैंक जाते समय रास्ते में हत्या कर दी गई थी। आलोक की हत्या के बाद बैंक के कर्माचारियों ने आरोपियों को पकड़ने के लिए बड़े तौर पर विरोध-प्रदर्शन किया था। बाद में एसपी मनीष कुमार ने जांच के लिए एसआईटी (STI) टीम का गठन किया था।
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