हरियाणा पुलिस ने हत्या के आरोपी को तीस साल बाद पकड़ा, फरारी के दौरान किया 28 फिल्मों में काम

By शिवेंद्र राय | Published: August 2, 2022 12:27 PM2022-08-02T12:27:24+5:302022-08-02T12:28:48+5:30

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से हरियाणा पुलिस ने एक शख्स को तीन दशक पुराने हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। 1992 में भिवानी में लूट की घटना को अंजाम देने के बाद गिरफ्तार आरोपी पुलिस से बचने के लिए भोजपुरी और क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में काम करने लगा था।

murder accused finally arrested after 30 years by by Haryana police | हरियाणा पुलिस ने हत्या के आरोपी को तीस साल बाद पकड़ा, फरारी के दौरान किया 28 फिल्मों में काम

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsतीस साल बाद पकड़ा गया हत्या का आरोपीपुलिस से बचने के लिए घर छोड़ कर भागाफरारी के दौरान किया 28 फिल्मों में काम

गाजियाबाद: हरियाणा पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक व्यक्ति को तीस साल पहले हुई हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम ओमप्रकाश उर्फ पाशा है जो पानीपत की समालखा तहसील के नरैना गांव का रहने वाला है। हरियाणा पुलिस को इस शख्स को तीस साल से एक हत्या के मामले में खोज रही थी। गिरफ्तार ओमप्रकाश और उसके साथी पर 15 जनवरी 1992 को भिवानी में लूट की कोशिश के दौरान एक मोटरसाइकिल सवार की कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या करने का मामला दर्ज किया गया था।

सेना और फिल्मों में काम कर चुका है आरोपी

तीन दशक पुराने हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए ओमप्रकाश के बारे में कुछ बेहद चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आई हैं। ओमप्रकाश ने भारतीय सेना में भी काम किया है। साल 1988 में बिना बताए ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने के चलते उसे सेना की नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद वह चोरी और छिनैती जैसे अपराध करने लगा। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी से पहले ओमप्रकाश फिल्मों में अभिनय करता था। वह लगभग 28 फिल्मों में काम कर चुका है। 1992 में भिवानी में लूट की घटना को अंजाम देने के बाद ओमप्रकाश पुलिस से बचने के लिए भोजपूरी और क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में काम करने लगा। ओमप्रकाश ने टकराव, दबंग छोरा यूपी का, झटका, मां बाप की भूल और 5 कुंवरियां जैसी फिल्मों में काम किया है। हरियाणा पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम रखा था। 

ओमप्रकाश की गिरफ्तारी की सूचना देते हुए हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने बताया, “1992 में कथित रूप से हत्या करने के बाद ओमप्रकाश छिपने के लिए तमिलनाडु भाग गया और एक साल तक मंदिरों में शरण ली। हत्या के बाद उसने पानीपत में अपने परिवार के साथ सभी संबंध तोड़ लिए। उसने अपनी पहली पत्नी और बेटी को भी छोड़ दिया और इस बीच गिरफ्तारी के डर से अपने गांव भी नहीं गया। कुछ समय बाद वो गाजियाबाद गया और ट्रक चलाने का काम शुरू किया। यहां उसने दूसरी शादी कर ली और 1997 में गाजियाबाद के हरबंस नगर में 60 वर्ग गज का प्लॉट खरीदा। ओमप्रकाश ने दिहाड़ी मजदूरी सहित कई तरह के छोटे-मोटे काम किए। कम से कम सात साल तक उसने टेंपो और ट्रक चलाए।” बता दें कि ओमप्रकाश के खिलाफ हरियाणा में पांच मामले दर्ज हैं। 

Web Title: murder accused finally arrested after 30 years by by Haryana police

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