मूसेवाला हत्याकांडः 36 पुलिसकर्मी, 10 बुलेटप्रूफ कारें और वीडियोग्राफी के बीच दो संदिग्धों को तिहाड़ से पंजाब ले जाया गया

By अनिल शर्मा | Published: July 18, 2022 09:04 AM2022-07-18T09:04:09+5:302022-07-18T09:05:24+5:30

पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दायर की गई दलील में सुरक्षा व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताया गया था, जिसमें दो संदिग्धों - सचिन भिवानी और अंकित सेरसा को ले जाने की अनुमति मांगी थी। 

Moosewala murder 36 cops 10 cars took suspects to Punjab Mansa from Delhi Tihar jail | मूसेवाला हत्याकांडः 36 पुलिसकर्मी, 10 बुलेटप्रूफ कारें और वीडियोग्राफी के बीच दो संदिग्धों को तिहाड़ से पंजाब ले जाया गया

मूसेवाला हत्याकांडः 36 पुलिसकर्मी, 10 बुलेटप्रूफ कारें और वीडियोग्राफी के बीच दो संदिग्धों को तिहाड़ से पंजाब ले जाया गया

Highlightsगायक सिद्धू मूसेवाला की 29 मई की शाम करीब 5.30 बजे बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थीमूसेवाला की हत्या के बाद, बिश्नोई और बराड़ गिरोह की कथित संलिप्तता सामने आई थी

नई दिल्ली/ चंडीगढ़ः पंजाब पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के दो प्रमुख संदिग्धों को तिहाड़ से पंजाब के मनसा पुलिस स्टेशन ले गई। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों संदिग्धों को 36 पुलिसकर्मी (जिनमें से 10 एके 47 राइफल के साथ थे), बुलेटप्रूफ सहित 6 कारें और वीडियोग्राफी के बीच उन्हें तिहाड़ से पंजाब ले जाया गया। गौरतलब है कि दोनों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार जुलाई को गिरफ्तार किया था।

पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दायर की गई दलील में सुरक्षा व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताया गया था, जिसमें दो संदिग्धों - सचिन भिवानी (जिन्होंने कथित तौर पर बंदूकधारियों को आश्रय और रसद प्रदान की थी) और अंकित सेरसा (मूसेवाला पर गोली चलाने वाले बंदूकधारियों में से एक) को ले जाने की अनुमति मांगी थी। 

दोनों की हिरासत की मांग करने वाली पंजाब पुलिस की दलील की एक प्रति से पता चलता है कि उन्होंने प्रत्येक पुलिस अधिकारी का नाम और विवरण जमा किया था। 36 कर्मियों को छह टीमों में विभाजित किया गया था - 10 पुलिस अधिकारियों के पास AK47 राइफलें थीं, अन्य के पास 9MM पिस्तौल और अन्य हथियार थे। ये व्यवस्था भिवानी और सेरसा के खिलाफ प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टरों द्वारा संभावित हमले से निपटने के लिए थे, जो लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बरार गिरोह से संबंधित हैं।

मूसेवाला की 29 मई की शाम करीब 5.30 बजे बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह, एक चचेरा भाई और एक दोस्त पंजाब के मनसा जिले के जवाहरके गांव जा रहे थे। मूसेवाला की हत्या के बाद, बिश्नोई और बराड़ गिरोह की कथित संलिप्तता सामने आने के बाद, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में पुलिस और जेल अधिकारी गिरोह युद्ध को रोकने के लिए हाई अलर्ट पर चले गए। 

जब गैंग लीडर लॉरेंस बिश्नोई को पंजाब ले जाया गया, तब भी इसी तरह के सुरक्षा इंतजाम थे। बिश्नोई को प्रतिद्वंद्वी गिरोहों से बचाने के लिए कम से कम दो बुलेटप्रूफ वाहन और 54 पुलिस कर्मी थे - जिनमें से 38 सशस्त्र थे। दिल्ली पुलिस ने 8 जून को बिश्नोई को हत्या का मास्टरमाइंड बताया था। पंजाब पुलिस ने अदालत में अपनी प्रस्तुतियों में यह भी कहा कि बिश्नोई ने हमले का समन्वय किया और बरार के संपर्क में था।

Web Title: Moosewala murder 36 cops 10 cars took suspects to Punjab Mansa from Delhi Tihar jail

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