दारोगा भर्ती परीक्षा देकर लौट रही युवती के साथ चार युवकों ने चलती कार में किया गैंगरेप, आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर फेंककर भागे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 25, 2021 01:58 PM2021-11-25T13:58:35+5:302021-11-25T13:59:47+5:30
पुलिस अधीक्षक, देहात श्रीश चंद्र ने बताया कि कोसीकलां क्षेत्र निवासी एक युवती की सोशल मीडिया मंच फेसबुक के माध्यम से एक युवक से दोस्ती हुई थी।
मथुराः उत्तर प्रदेश के आगरा में आयोजित पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा देकर लौट रही मथुरा के कोसीकलां क्षेत्र की एक युवती के साथ चार युवकों द्वारा कार में लिफ्ट देकर आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
पुलिस ने पीड़िता के भाई की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक, देहात श्रीश चंद्र ने बताया कि कोसीकलां क्षेत्र निवासी एक युवती की सोशल मीडिया मंच फेसबुक के माध्यम से एक युवक से दोस्ती हुई थी। वह युवक उसे पुलिस भर्ती के लिए परीक्षा दिलाने कार से आगरा ले गया था।
उन्होंने कहा कि यह घटना आगरा से परीक्षा देकर लौटने के दौरान हुई। हालांकि, जाने के दौरान कार में युवक के अलावा केवल एक चालक ही था, परंतु वापसी में उसके चार अन्य साथी भी थे। अधिकारी ने बताया कि आरोपी युवती के कार में बैठने के कुछ देर बाद ही उससे छेड़छाड़ करने लगे।
आरोप है कि विरोध करने पर युवती के साथ मारपीट की गई और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि आरोपी पीड़िता को राजमार्ग के किनारे ही बुरी तरह से घायल हालत में छोड़ गए, जिसकी जानकारी वहां से गुजर रहे राहगीरों ने उसके घरवालों को दी।
बाद में परिजनों ने उसे निजी चिकित्सालय में भर्ती कराकर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी। पुलिस ने पीड़िता के भाई की ओर से दी गई शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी संजीव त्यागी के मुताबिक पीड़िता उस युवक का केवल फोन नंबर बता पा रही है, जिससे उसकी सोशल मीडिया पर दोस्ती हुई थी। वह उस युवक के बारे में और कुछ नहीं जानती है।
उप्र: अदालत ने बच्ची से बलात्कार, हत्या के दोषी को मौत की सजा सुनाई
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को सात वर्षीय दलित लड़की से बलात्कार और हत्या के मामले में 27 वर्षीय युवक को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी दलित व्यक्ति ने 10 जनवरी 2013 को थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी सात वर्षीय बेटी सुबह घर से खेलने के लिए निकली थी जो वापस नहीं लौटी।
जब उसकी खोजबीन की गई तो पता चला कि हरपुरा गांव निवासी शहजाद को बच्ची से बातचीत करते देखा गया था। दोपहर बाद बच्ची की लाश खेत में मिली थी। पिता की तहरीर पर पुलिस ने दुष्कर्म, हत्या के साथ ही पॉक्सो अधिनियम एवं एससी/एसटी अधिनियम में प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) पंकज श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शहजाद को दोषी ठहराते हुए फांसी और दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।