असम: नाबालिग के यौन शोषण और हत्या मामले में एसपी के बाद मजिस्ट्रेट की भी हुई गिरफ्तारी, इस आरोप में पकड़े गए फरार जज
By भाषा | Published: November 12, 2022 07:42 AM2022-11-12T07:42:54+5:302022-11-12T07:57:59+5:30
बताया जा रहा है कि इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी के अलावा जो सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का जवान है, कई अन्य सरकारी कर्मचारी - तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, संबंधित थाने के प्रभारी और तीन डॉक्टर भी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
दिसपुर:असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि राज्य के दरांग जिले में 13 वर्षीय एक लड़की के यौन उत्पीड़न और हत्या के मामले में ‘‘अपना दायित्व नहीं निभाने’’ के आरोप में एक मजिस्ट्रेट को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। आपको बता दें कि घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली पीड़ित लड़की जून में अपने नियोक्ता के घर में फंदे से लटकी मिली थी।
मामले में इन लोगों की पहली ही हो चुके है गिरफ्तारी
मुख्य आरोपी के अलावा, जो सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का जवान है, कई अन्य सरकारी कर्मचारी - तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, संबंधित थाने के प्रभारी और तीन डॉक्टर पहले ही मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अत्यधिक पेशेवर और वैज्ञानिक तरीके से जांच करने के लिए अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की सराहना की है। उन्होंने कहा, ‘‘मजिस्ट्रेट को आज गिरफ्तार कर लिया गया। सीआईडी ने पुलिस अधीक्षक (एसपी), अतिरिक्त एसपी (जिले के), धूला थाने के ओसी और तीन डॉक्टरों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।’’
सरकारी अधिकारियों पर मानदंडों को पालन नहीं करने का लगा आरोप
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) ए. वाई. वी. कृष्णा ने कहा कि गिरफ्तार सरकारी अधिकारियों ने मानदंडों का पालन नहीं किया और मामले को आत्महत्या की घटना बताकर बंद करने के लिए झूठी रिपोर्ट दी।
मामले में स्थानीय मजिस्ट्रेट फरार थे
सीआईडी, जिसने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, ने गुरुवार को कहा था कि स्थानीय मजिस्ट्रेट आशीर्वाद हजारिका फरार है। शर्मा ने कहा कि यह मामला असम पुलिस के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पीड़िता के अंतिम संस्कार के एक महीने से अधिक समय बाद उनके निर्देश पर नए सिरे से जांच शुरू की गई थी।