मध्य प्रदेश: गुना में दलित पिटाई मामले में छह पुलिसकर्मी निलंबित, उच्चस्तरीय जांच के आदेश
By भाषा | Published: July 17, 2020 06:26 AM2020-07-17T06:26:58+5:302020-07-17T06:26:58+5:30
निलंबित किये गये पुलिस कर्मियों की पहचान उप निरीक्षक अशोक सिंह कुशवाह, राजेन्द्र शर्मा, पवन यादव, नरेन्द्र रावत, (सभी आरक्षक, गुना पुलिस लाइन) तथा दो महिला आरक्षक नीतू यादव एवं रानी रघुवंशी के रुप में की गयी है।
भोपाल: गुना में पुलिसकर्मियों द्वारा एक दलित दंपति की बेरहमी से पिटाई किये जाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी), और पुलिस महानिरीक्षक का स्थानांतरण करने के बाद इस घटना में शामिल छह पुलिसकर्मियों को बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया। गुना के निवर्तमान पुलिस अधीक्षक तरुण नायक ने बृहस्पतिवार को आदेश जारी कर इस मामले में शामिल छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
निलंबित किये गये पुलिस कर्मियों की पहचान उप निरीक्षक अशोक सिंह कुशवाह, राजेन्द्र शर्मा, पवन यादव, नरेन्द्र रावत, (सभी आरक्षक, गुना पुलिस लाइन) तथा दो महिला आरक्षक नीतू यादव एवं रानी रघुवंशी के रुप में की गयी है। इसके पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में बुधवार रात को चम्बल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राजाबाबू सिंह, गुना के कलेक्टर एस विश्वनाथन और जिला पुलिस अधीक्षक तरुण नायक को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के भी आदेश दिए।
गौरतलब है कि गुना शहर के जगनपुर क्षेत्र में एक सरकारी मॉडल कॉलेज के निर्माण के लिये निर्धारित सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के दौरान एक दलित दंपति ने मंगलवार को कीटनाशक का सेवन कर लिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि अतिक्रमणकारी दंपति और उनके परिवार के लोगों द्वारा अतिक्रमण हटाने की मुहिम का विरोध करने पर पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिये मजबूर होना पड़ा।
कीटनाशक पी लेने के बाद पुलिस द्वारा दंपति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां फिलहाल उनकी हालत में सुधार है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिसकर्मी लाठी से एक आदमी को कथित तौर पर बेरहमी से पीट रहे हैं और उसकी पत्नी उसे बचाने का प्रयास कर रही है।
इसमें महिला भी अपने पति के ऊपर लेट जाती है और महिला पुलिसकर्मी उसे हटाते हुए नजर आ रही हैं। कांग्रेस ने इस मुहिम की आलोचना करते हुए घटना के लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही कांग्रेस ने घटना की जांच के लिये सात सदस्यों वाली समिति भी गठित की है।