मध्य प्रदेशः मासूम की हत्या मामले में कानून मंत्री ने स्वीकारी पुलिस की लापरवाही, अंतिम यात्रा में हुए शामिल
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 10, 2019 06:30 AM2019-06-10T06:30:29+5:302019-06-10T06:30:29+5:30
राजधानी में शनिवार की रात को 10 साल की बच्ची के साथ बलात्कार के बाद उसका गला घोंटकर शव को नाले में फेंक दिया.
भोपाल, 9 जूनः मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 10 साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर हत्या करने के बाद बच्ची के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. अंतिम संस्कार में कानून मंत्री पी.सी.शर्मा भी शामिल हुए और पुलिस की लापरवाही को उन्होंने स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि बच्ची के परिजनों के साथ पुलिस को बच्ची को ढूंढना था. शर्मा ने कहा कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए.
राजधानी में शनिवार की रात को 10 साल की बच्ची के साथ बलात्कार के बाद उसका गला घोंटकर शव को नाले में फेंक दिया. इस मामले में पुलिस ने समय रहते बच्ची की तलाश की होती तो शायद यह घटना घटित नहीं होती. परिजनों ने जब थाने जाकर शिकायत की तो पुलिस ने उन्हें ही बच्ची की तलाश करने को कह दिया. स्थानीय पार्षद के दबाव में जब पुलिस सक्रिय हुई तो आज सुबह बच्ची का शव नाले में मिला.
घटना को लेकर राज्य के कानून मंत्री पी.सी.शर्मा ने साफ कहा कि पूरे घटना के लिए पुलिस जिम्मेदार है. शर्मा ने आईजी भोपाल को निर्देशित किया कि दोषी पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर फास्ट ट्रेक पर चलाया जाए और आरोपी को फांसी की सजा दी जाए.
पुलिस मांग रही थी चाय, नाश्ता
बच्ची के परिजनों का आरोप है कि पार्षद मोनू सक्सेना ने जब पुलिस पर दबाव डाला तब पुलिस रात को 11.30 बजे उनके घर पहुंची. पुलिस बच्ची को तलाशने का काम तो नहीं कर रही थी, बल्कि हमने चाय और नाश्ते की मांग कर रही थी. परिजनों के इस सनसनी खेज खुलासे के बाद पुलिस महकमें के आला अधिकारी सकते में हैं. वे किसी तरह से कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं.
मुख्यमंत्री, गृहमंत्री से मांगा इस्तीफा
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि नाबालिग सुरक्षित नहीं और पुलिस की लापरवाही पूर्ण कार्यशैली ने एक बेटी की जान ले ली है, जो शर्मनाक है. बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए सीधे तौर से मुख्यमंत्री और गृहमंत्री जिम्मेदार हैं. इसलिए नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का राज अब जंगलराज में तब्दील हो चुका है. बीते 6 माह से प्रदेश के नाबालिग भी असुरक्षित है. अब लगातार मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म ओर नृशंस हत्या की ये घटनाओं के लिए प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था जिम्मेदार है.
गृह मंत्री ने जताया अफसोस
गृह मंत्री बाला बच्चन ने घटना पर अफसोस जताया और कहा कि विष्णु नामक एक संदिग्ध आरोपी की पहचान हुई है. वह पीड़ित के घर के समीप ही रहता है.पुलिस ने उसके परिवार के सदस्यों को हिरासत में ले लिया है. आरोपी की तलाश के लिए पुलिस की 20 टीमें लगाई गई है. उन्होंने कहा कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देंगे ताकि आगे से इस तरह की घटनाएं घटित न हो. आरोपी की खोज में पुलिस की टीमें मक्सी, उज्जैन और खंडवा के लिए रवाना हुई है. संदिग्ध आरोपी के परिजन वहींं के रहने वाले हैं.
समय पर नहीं पहुंची पुलिस, आरोप
बच्ची के परिजनों का आरोप है कि उन्होंने पुलिस को रात नौ बजे ही घटना की जानकारी दे दी थी, मगर पुलिस ने रिपोर्ट तो नहीं लिखी, बल्कि उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया कि आस-पास देखा कहीं बच्ची खेल रही होगी. इसके बाद वे रातभर बच्ची को तलाशते रहे, लेकिन बच्ची का कहीं पता नहीं चला. परिजनों का आरोप है कि अगर समय रहते पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेती तो शायद यह घटना घटित नहीं होती.
पुलिसकर्मी निलंबित
घटना को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों ने 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. पुलिस के अनुसार एसआई देवसिंह, दो हवलदार नरेन्द्र, जगदीश, चार सिपाही ब्रजेन्द, रुपसिंह, प्रहलाद और वीरेन्द्र सिंह को निलंबित किया गया है.