Damoh: फर्जी डॉक्टर ने कई मरीजों का किया इलाज, छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा स्पीकर ने भी कराया था ऑपरेशन; चली गई थी जान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 8, 2025 11:28 IST2025-04-08T11:25:15+5:302025-04-08T11:28:49+5:30

Damoh:  अस्पताल प्रबंधन से आठ अप्रैल (मंगलवार) की सुबह 18-19 साल पहले वहां कार्यरत रहे डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य के बारे में जानकारी देने को कहा गया है।

Madhya Pradesh Damoh district fake cardiologist had also treated the former Chhattisgarh Assembly Speaker | Damoh: फर्जी डॉक्टर ने कई मरीजों का किया इलाज, छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा स्पीकर ने भी कराया था ऑपरेशन; चली गई थी जान

Damoh: फर्जी डॉक्टर ने कई मरीजों का किया इलाज, छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा स्पीकर ने भी कराया था ऑपरेशन; चली गई थी जान

Damoh: मध्यप्रदेश के दमोह जिले के एक मिशनरी अस्पताल में सात मरीजों की मौत के मामले में आरोपी फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ ने कथित तौर पर 2006 में छत्तीसगढ़ के एक निजी अस्पताल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की सर्जरी की थी, जिसके बाद राजनेता की मौत हो गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस ने दमोह जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एम के जैन की शिकायत पर रविवार आधी रात को आरोपी कथित डॉक्टर नरेंद्र जॉन कैम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। बिलासपुर जिले के कोटा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की 20 अगस्त, 2006 को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के अपोलो अस्पताल में मौत हो गई थी।

उन्होंने 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। शुक्ल के सबसे छोटे बेटे प्रदीप शुक्ल (62) ने कहा कि फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव 2006 में अपोलो अस्पताल में सेवा दे रहे थे, जब उनके पिता वहां भर्ती थे। उन्होंने कहा, ''यादव ने मेरे पिता के हृदय की सर्जरी का सुझाव दिया और उसे अंजाम दिया। इसके बाद उन्हें 20 अगस्त, 2006 को मृत घोषित किए जाने से पहले करीब 18 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया।''

प्रदीप शुक्ल ने बताया, ''यादव ने एक-दो महीने पहले ही अपोलो अस्पताल में अपनी सेवा देना शुरू किया था। तब अपोलो अस्पताल ने उन्हें मध्य भारत के सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में पेश किया था, जो लेजर का उपयोग करके सर्जरी करते हैं। बाद में, हमें दूसरों से पता चला कि यादव के पास डॉक्टर की डिग्री नहीं थी और वह एक धोखेबाज था। यहां तक कि उसके खिलाफ पहले भी शिकायतें की गई थी और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिलासपुर इकाई ने उनकी जांच की थी।''

उन्होंने कहा, ''मेरे पिता की मृत्यु के बाद, यादव द्वारा इलाज किए गए रोगियों की मृत्यु के कुछ और मामले सामने आए, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें अपोलो अस्पताल छोड़ने के लिए कहा। यादव द्वारा इलाज किए गए लगभग 80 प्रतिशत रोगियों की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।'' शुक्ल ने कहा, ''एक तरह से, हमारे पिता और अन्य रोगियों की हत्या कर दी गई। जब मेरे पिता की मृत्यु हुई, तब वह विधायक थे और उनके इलाज का खर्च राज्य सरकार ने वहन किया था।''

उन्होंने कहा कि यादव और अपोलो अस्पताल के खिलाफ जांच की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने भी सरकार को धोखा दिया है। राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के दूसरे बेटे और जस्टिस (सेवानिवृत्त) अनिल शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी यादव और जिस अस्पताल में वे कार्यरत थे, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जानी चाहिए। अपोलो अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी देवेश गोपाल ने पुष्टि की कि यादव ने वहां काम किया था। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में उनके कार्यकाल के दौरान उनसे संबंधित दस्तावेज एकत्र किए जा रहे हैं, जिसके बाद उनके बारे में पूरी जानकारी साझा की जाएगी।

गोपाल ने कहा, ''वे (यादव) करीब 18-19 साल पहले (अस्पताल से) जुड़े थे। यह बहुत पुराना मामला है। उनके बारे में सटीक जानकारी एकत्र की जा रही है, जैसे कि वे कितने समय तक तैनात रहे और उन्होंने कितने मरीजों का इलाज किया। सभी दस्तावेज एकत्र होने के बाद सभी तथ्यात्मक विवरण साझा किए जाएंगे।''

बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रमोद तिवारी ने बताया कि मामला सामने आने के बाद उन्होंने अपोलो अस्पताल प्रबंधन से यादव के बारे में सारी जानकारी मांगी है। अस्पताल प्रबंधन से आठ अप्रैल (मंगलवार) की सुबह 18-19 साल पहले वहां कार्यरत रहे डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य के बारे में जानकारी देने को कहा गया है।

डॉक्टर तिवारी ने बताया कि जो जानकारी मांगी गई है, उसमें यह भी शामिल है कि वह कब से वहां काम कर रहा था, उसकी डिग्री क्या है और उसने कितने लोगों का ऑपरेशन किया। उन्होंने कहा कि अगर मामले में कोई अनियमितता पाई जाती है तो उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर संबंधित व्यक्ति और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

Web Title: Madhya Pradesh Damoh district fake cardiologist had also treated the former Chhattisgarh Assembly Speaker

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे