लखनऊः भगवाधारी युवकों ने ड्राई फ्रूट्स बेच रहे कश्मीरी युवक को पीटा, वीडियो वायरल होने पर आरोपी गिरफ्तार
By आदित्य द्विवेदी | Published: March 7, 2019 10:21 AM2019-03-07T10:21:43+5:302019-03-07T10:21:43+5:30
वायरल वीडियो में कुछ भगवाधारी युवक सड़क किनारे ड्राई फ्रूट्स बेच रहे व्यक्ति को थप्पड़ और डंडे से पीट रहे हैं। लखनऊ से इस तरह का पहला मामला सामने आया है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कश्मीरी युवक को पीटने का मामला सामने आया है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कुमार विश्वास समेत कई हस्तियों ने गुस्सा जाहिर किया था जिसके बाद मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वायरल वीडियो में कुछ भगवाधारी युवक सड़क किनारे ड्राई फ्रूट्स बेच रहे व्यक्ति को थप्पड़ और डंडे से पीट रहे हैं। आस-पास के लोग बीच-बचाव करने आए तो युवकों ने उसे कश्मीरी बताया और पहचान पत्र दिखाने को कहा।
इस घटना पर कुमार विश्वास समेत कई हस्तियों ने गुस्सा जाहिर किया था और भगवा पहनकर कानून हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई की मांग की थी। कुमार विश्वास ने ट्विटर पर लिखा, 'ये क्या बेहूदगी है? पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीरियों के मन में बाक़ी देश के प्रति नफ़रत बढ़े और ये लंफगे उसी दिशा मे खुली गुंडई कर रहे है। डीजीपी जी कोई क़ानून का भय बचा है या नहीं? भगवा मात्र पहनने से ये गुंडे “भगवान” हो गए है क्या? कश्मीरी शहीद औरंगज़ेब की रूह क्या सोचती होगी😡'
ये क्या बेहूदगी है ? पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीरियों के मन में बाक़ी देश के प्रति नफ़रत बढ़े और ये लंफगे उसी दिशा मे खुली गुंडई कर रहे है. @dgpup कोई क़ानून का भय बचा है या नहीं ? भगवा मात्र पहनने से ये गुंडे “भगवान” हो गए है क्या ? कश्मीरी शहीद औरंगज़ेब की रूह क्या सोचती होगी😡 https://t.co/iLl0eY4vh8
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) March 6, 2019
लखनऊ पुलिस ने ट्विटर पर बताया कि उक्त प्रकरण में एसएचओ हसनगंज द्वारा अवगत कराया गया कि मु0अ0सं0 80/19 धारा 147/323/504 iPC का पंजीकृत कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी बजरंग सोनकर को गिरफ्तार कर लिया। लखनऊ पुलिस ने कहा कि अगर अराजकता फैलाई गई तो बड़ी कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद से कश्मीरी युवाओं के साथ मारपीट के एक-दो मामले सामने आए। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उन्हें फेक बताया गया था। लखनऊ में इस तरह का यह पहला मामला सामने आया है।