विवेक तिवारी मर्डर केस में नया मोड़, दबाव के बाद दोनों पुलिसवालों पर नई FIR दर्ज
By स्वाति सिंह | Published: October 1, 2018 09:11 AM2018-10-01T09:11:26+5:302018-10-01T09:12:00+5:30
रविवार को विवेक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मृतक विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी मिलने गए थे।
लखनऊ, 1 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए गोलीकांड में अब एक नया मोड़ सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एफआईआर पर उठ रहे सवालों के कारण पुलिस ने मृतक की पत्नी के तहरीर के आधार पर दोनों पुलिसवालों पर केस दर्ज किया गया है।
इससे पहले पुलिस ने घटना के वक्त विवेक के साथ रही मौजूद सहकर्मी के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था।उसमें यह दिखने की कोशिश की गई थी कि पुलिस ने विवेक पर गोली ही नहीं चलाई।
बता दें कि रविवार को विवेक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मृतक विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी मिलने गए थे। वहां उन्होंने कल्पना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन पर बात कराने के लिए भरोसा दिलाया।
इसके बाद ही रविवार को पुलिस ने कल्पना की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की।
जानें क्या है पूरा मामला
विवेक आईफोन लॉन्चिंग के बाद अपनी महिला सहकर्मी के साथ लौट रहे थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया तो विवेक ने दरकिनार कर दिया।
कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने शक में गोली चला दी जिससे विवेक की मौत हो गई। एसपी ने बताया कि सना खान की शिकायत पर कॉन्स्टेबल के खिलाफ गोमतीनगर थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।
सना खान की शिकायत के मुताबिक शुक्रवार रात वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी के साथ घर जा रही थी। गोमतीनगर विस्तार के पास गाड़ी खड़ी थी तभी दो पुलिस वाले आए। विवेक ने दरकिनार करते हुए बचकर निकलने की कोशिश की।
सना ने आरोप लगाया कि इस दौरान कॉन्स्टेबल ने बाइक दौड़ाकर विवेक पर गोली चला दी। गाड़ी की विंडशील्ड तोड़ते हुए गोली विवेक के गले में जा धंसी।
इसके बाद विवेक की कार अंडरपास के पिलर से जा टकराई। इससे भी गहरी चोटें आई हैं। आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
वहीं आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी का कहना है, 'मैंने उसे गोली नहीं मारी है, वो गलती से लग गई थी, उसने कहा कि मृतक ने अपनी गाड़ी से मुझे दो बार टक्कर मारी लेकिन जब तीसारी बार टक्कर मारी तो मुझे गोली चलाना पड़ा।'
सिपाही प्रशांत चौधरी ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि सीएम योगी के कहने पर उसकी प्राथमिकी पंजीकृत नहीं की जा रही है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी की टीम का गठन किया गया है।