गैंगस्टर विकास दुबे का हुआ अंतिम संस्कार, पत्नी सहित रिश्तेदार रहे मौजूद, शव लेने के लिए पहुंचा था बहनोई
By रामदीप मिश्रा | Published: July 10, 2020 10:40 PM2020-07-10T22:40:13+5:302020-07-10T22:40:13+5:30
कानपुर एनकाउंटरः बिकरू कांड के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में दुबे के गिरोह के पांच सदस्य मारे गए हैं। तीन जुलाई की सुबह ही बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे मारे गये थे।
कानपुरः कुख्यात अपराधी एवं कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में कथित पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया। पुलिस के अनुसार उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए सड़क हादसे में एक पुलिस वाहन के पलटने के बाद दुबे ने भागने का प्रयास किया। इस बीच विकास दुबे का अंतिम संस्कार शाम को किया गया।
जानकारी के अनुसार, कानपुर के भैरव घाट पर विकास दुबे का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उसकी पत्नी और करीबी रिश्तेदार मौजूद थे। विकास के शव को लाने के लिए बहनोई गया था बाकि कोई परिजन उसके शव को लेने के लिए नहीं गया। इससे पहले उसके शव का पोस्टमॉर्टम वीडियोग्राफी के बीच हुआ।
पुलिस ने मुठभेड़ में मारे गिरोह के पांच सदस्य
गौरतलब है कि बिकरू कांड के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में दुबे के गिरोह के पांच सदस्य मारे गए हैं। तीन जुलाई की सुबह ही बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे मारे गये थे। आठ जुलाई को हमीरपुर के मौदहा में पुलिस ने 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश और विकास के खास अमर दुबे को मार गिराया था। वहीं नौ जुलाई को कानपुर मुठभेड़ में कार्तिकेय उर्फ प्रभात जबकि इटावा मुठभेड़ में प्रवीण उर्फ बउवा दुबे मारा गया।
पुलिस ने सुनाई विकास दुबे को मारने की कहानी
इधर, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, 'मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उप्र पुलिस और एसटीएफ की टीम शुक्रवार सुबह उसे कानपुर नगर लेकर आ रही थी। कानपुर नगर भौती के पास प्रात: करीब साढ़े छह बजे पुलिस का उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गया, जिससे उसमें बैठे अभियुक्त और पुलिसकर्मी घायल हो गए।'
उन्होंने कहा, 'इस दौरान अभियुक्त विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसर्मपण करने के लिए कहा गया, लेकिन जान से मारने की नियत से वह पुलिस टीम पर फायर करने लगा। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की गई। विकास दुबे घायल हो गया, जिसे तत्काल ही अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस पूरे प्रकरण में पुलिस के चार लोग घायल हैं जिसमें तीन सब इंस्पेक्टर व एक कांस्टेबल हैं तथा एसटीएफ के दो कमांडो को भी गंभीर चोटें आई हैं।'
उन्होंने बताया कि बिकरू पुलिस मुठभेड़ में कुल 21 अभियुक्त नामजद हैं जिसमें से तीन लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, छह अभियुक्त मारे जा चुके हैं और अब भी 12 इनामी बदमाश वांछित हैं।
अस्पताल में विकास दुबे पहुंचा था मृत
इस बीच गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के कार्यवाहक प्राचार्य डा. आर बी कमल ने संवाददाताओं को बताया कि दुबे को अस्पताल में पूरी तरह से मृत अवस्था में लाया गया था। दुबे के शरीर पर चार घाव दिखे, जिनमें से तीन सीने पर और एक हाथ में थे। हैलट अस्पताल जीएसवीएम का हिस्सा है। दुबे का कोरोना टेस्ट भी करवाया गया और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।