केरल नन रेप केस: कॉन्वेंट छोड़ने के आदेश पर ननों का जवाब- हम कहीं नहीं जाएंगे, डराने की कोशिश करें बंद

By पल्लवी कुमारी | Published: January 17, 2019 01:05 PM2019-01-17T13:05:03+5:302019-01-17T13:05:03+5:30

केरल नन रेप केस: पीड़िता ने न्याय की गुहार के लिए भारत में वेटिकन के प्रतिनिधियों को 7 पन्ने का पत्र लिखा था। ये पत्र आठ सितंबर को लिखा गया था। पीड़िता नन ने सात पेज के पत्र में आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ सारी सच्चाई खोलकर रख दी थी।

Kerala Nuns reply on Leave the convent, We Are Not Going Anywhere | केरल नन रेप केस: कॉन्वेंट छोड़ने के आदेश पर ननों का जवाब- हम कहीं नहीं जाएंगे, डराने की कोशिश करें बंद

केरल नन रेप केस: कॉन्वेंट छोड़ने के आदेश पर ननों का जवाब- हम कहीं नहीं जाएंगे, डराने की कोशिश करें बंद

केरल नन रेप मामले पांच नन जो कि पीड़िता के हक की लड़ाई के लिए कैम्पेन कर रही हैं, उन्हें एक बार फिर से कोट्टायम जिले में स्थित उनके कॉन्वेंट को छोड़ने का निर्देश दिया गया है। हालांकि इन पांच में चार ही नन को कॉन्वेंट को छोड़ने का आदेश दिया गया है। ये नन बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चुकी हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मिशनरीज ऑफ जीसस के सुपीरियर जनरल रेगिना कदमथोट्टू ने चारों ननों को पत्र लिखकर ये निर्देश दिए हैं कि वो उस कान्वेंट में जाकर जिम्मेदारी संभालें जो उन्हें 2018 में मार्च से मई के बीच जारी तबादला आदेश के अनुसार दी गई थी।

मार्च 2018 के निर्देश को दोबार किया गया लागू

गौरतलब है कि मार्च 2018 में निर्देश के मुताबिक नन को केरल के ही कन्नूर जबकि तीन अन्य ननों को पंजाब, बिहार और झारखंड जाने को कहा गया था। हालांकि विरोध करने वाली एक अन्य नन के खिलाफ ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया था।

इन पांचों ननों ने जनवरी 2019 में फिर से आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। सबके सामने आकर आरोप लगाया था कि पीड़िता को इंसाफ मिलने में इतनी देरी क्यों की जा रही है। हालांकि इस नन से ये साफ कर दिया है कि वो इस निर्देश का पालन नहीं करेंगी और वह कहीं भी नहीं जाएंगी। 

ननों ने कहा- कुछ भी हो जाए हम यहां से नहीं जाएंगे

उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि ये उनको परेशान और डराने धमकाने के लिए किया जा रहा है। लेकिन वो इन लोगों से डरने वाली नहीं हैं। नन ने भी सवाल उठाए है कि आखिर इस नियम को दोबारा क्यों लागू किया जा रहा है। वो चाहते हैं कि हमारी हिम्मत टूट जाए। वो जानते हैं कि हम मजबूती से उनका सामना कर रहे हैं, इसलिए वो डरे हुए हैं।  

वेटिकन को पत्र  लिखकर भी पीड़िता ने अपनी आपबीती बताई थी

पीड़िता ने न्याय की गुहार के लिए भारत में वेटिकन के प्रतिनिधियों को 7 पन्ने का पत्र लिखा था। ये पत्र आठ सितंबर को लिखा गया था। पीड़िता नन ने सात पेज के पत्र में आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ सारी सच्चाई खोलकर रख दी थी। नन ने पत्र में बताया था कि किस तरह 2014 से 2016 तक उसका आरोपी बिशप ने शारीरिक उत्पीड़न किया। 

पत्र में पीड़िता ने बताया था कि बिशप दूसरी नन के साथ भी ऐसे ही व्यवहार करता था। वेटिकन को लिखे पत्र में नन ने उनके साथ किए गए हैवानियत की पूरी कहानी बताई थी। पीड़िता ने बताया कि कैसे आरोपी ने उन्हें और उनके समर्थकों को चुप कराने की कोशिशें की गईं। खबरों के मुताबिक ये बात पहले भी सामने आ चुकी थी कि किस तरह बिशप पर नन और उनके समर्थकों को पैसे और संपत्ति देकर पूरे केस को दबाने की कोशिश की गई थी।  वेटिकन सिटी के पोप दुनियाभर में सबसे बड़े ईसाई धर्मगुरू हैं। यह पत्र मंगलवार को मीडिया को उपलब्ध हुआ था। 

पीड़िता नन ने वेटिकन को ये पत्र तीसरी बार लिखा थ। इससे पहले वह 2018 के 25 जनवरी और 25 जून को भी पत्र लिख चुकी हैं। लेकिन पिछले दो खतों का वेटिकन ने कोई जवाब नहीं दिया था तो फिर निराश होकर नन से तीसरी बार पत्र लिखा। पत्र में यह भी बताया गया कि किस तरह वह सबके पास मदद मांगने के लिए गई थी लेकिन सबने मदद से साफ इनकार कर दिया था। 

आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने नन के आरोपों को किया था खारिज

बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने नन द्वारा लगाए गये बलात्कार के आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने इसे ‘‘निराधार और मनगढ़ंत’’ बताते हुए कहा था कि वह जांच को तैयार हैं। उन्होंने यहां टीवी चैनलों को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘‘मैं अगर दोषी पाया गया, जो कि मैं नहीं हूं, तो मुझे दंडित किया जा सकता है...यदि मुझे बुलाया जाता है तो मैं पुलिस के समक्ष पेश हो जाऊंगा। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं।’’ 

केरल के पादरी ने कहा कि हर किसी के पास कानून का सहारा लेने का अधिकार है। पादरी के खिलाफ वर्ष 2014 से 2016 के बीच कई बार बलात्कार करने के आरोप लगाये गये है। बिशप ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को ‘‘गंभीर’’ करार देते हुए कहा कि केवल तीन लोग सच जानते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता की बहन, मैं और ईश्वर (सच जानते है)।’’ बिशप ने नन पर उन्हें ‘‘ब्लैकमेल’’ करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर भी निशाना साधा।

Web Title: Kerala Nuns reply on Leave the convent, We Are Not Going Anywhere

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