नाबालिग के साथ रेप मामले में केरल के 66 साल के शख्स को कोर्ट ने सुनाई 81 साल जेल की सजा
By विनीत कुमार | Published: June 22, 2022 08:53 AM2022-06-22T08:53:44+5:302022-06-22T08:57:49+5:30
केरल की एक अदालत ने 15 साल की बच्ची के साथ रेप और उसे गर्भवती बनाने के मामले में 66 साल के शख्स को कड़ी सजा सुनाई है। कोर्ट ने शख्स को 81 साल जेल सहित 2.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
इडुक्की: केरल के इडुक्की जिले की एक फास्ट-ट्रैक अदालत ने मंगलवार को दो साल पहले एक 15 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने के दोषी पाए गए 66 साल के शख्स को 81 साल जेल की सजा सुनाई।
फैसला सुनाते हुए पोक्सो (यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा) कोर्ट जज टीजी वर्गीज ने कहा कि दोषी किसी भी तरह की नरमी के लायक नहीं है। जस्टिस ने नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न और बार-बार बलात्कार के प्रत्येक अपराध के लिए दोषी को 20 साल की सजा सुनाई। लड़की को गर्भवती करने के लिए 30 साल और नाबालिग के गंभीर यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो एक्ट के तहत पांच साल की सजा सुनाई।
अदालत ने एक महिला का अपहरण करने, उसे अवैध संबंध के लिए प्रेरित करने के अपराध के लिए पांच साल की जेल और आईपीसी के तहत छेड़छाड़ के लिए भी एक साल की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 2.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और प्रशासन को पीड़ित को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिया।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी द्वारा किए गया अपराध नाबालिग पीड़िता के भविष्य पर एक शारीरिक सहित भावनात्मक और दर्दनाक प्रभाव छोड़ेंगे। कोर्ट ने आगे कहा, 'इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पीड़िता नाबालिग है और आरोपी एक वृद्ध व्यक्ति है, कुछ भी उदारता दिखाने के लायक नहीं है। पॉक्सो अधिनियम का एक उद्देश्य अपराधियों को साबित अपराधों की प्रकृति को देखते हुए जरूरी सजा सुनिश्चित करना है।'
कानूनी विशेषज्ञों का मानना कि यह हाल के दिनों में पोक्सो मामले में दी गई सबसे लंबी सजा में से एक है।
यह पूरा मामला अक्टूबर-2020 में सामने आया जब लड़की के पेट में अचानक दर्द उठने के बाद उसके माता-पिता द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में भर्ती होने के बाद ये बात सामने आई कि वह गर्भवती है।
बाद में उच्च न्यायालय की अनुमति से उसकी गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से खत्म किया गया। मामले में लड़की के बयान के अलावा, भ्रूण का मेडिकल परीक्षण और डीएनए परीक्षण ने भी दोषी की भूमिका को साबित किया।