कठुआ गैंगरेप: कोर्ट का आदेश दोनों पक्षों को दी जाए चार्जशीट, पीड़िता के पिता पहुँचे सुप्रीम कोर्ट, 2 बजे होगी सुनवाई
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 16, 2018 12:01 PM2018-04-16T12:01:33+5:302018-04-16T13:59:43+5:30
जम्मू-कश्मीर की स्थानीय अदालत में आज कठुआ गैंगरेप के सभी अभियुक्त पेश किए गये। अदालत ने मामले में अगली तारीख 28 अप्रैल की दी है।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले को आठ अभियुक्तों को सोमवार (16 अप्रैल) को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। स्थानीय अदालत ने पुलिस को दोनों पक्षों को आरोपपत्र की प्रति देने का आदेश दिया। एक आरोपी के वकील अंकुर शर्मा के अनुसार अदालत ने मामले में 28 अप्रैल को मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख दी है। एक अभियुक्त ने मामले में नार्को टेस्ट कराने की माँग की है। वहीं एक अभियुक्त सांझी राम की बेटी ने पूरे मामले की सीबीआई जाँच की माँग की है।
आठ वर्षीय पीड़िता का शव 17 जनवरी को मिला था। पुलिस की चार्जशीट के अनुसार लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या की गयी। मामले में मंदिर के पुजारी और चार पुलिसवालों समेत आठ लोगों को अभियुक्त बनाया है। एक अभियुक्त नाबालिग है जिस पर लड़की का अपहरण करने का आरोप है। वहीं पीड़ित लड़की के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकार दायर करके मामले को जम्मू-कश्मीर से चण्डीगढ़ स्थानांतरित करने की माँग की है। पीड़िता की पिता ने अपनी याचिका में अपने परिवार की सुरक्षा को भी खतरा बताया है। सुप्रीम कोर्ट पीड़िता के पिता की याचिका पर सोमवार दोपहर दो बजे सुनवाई करेगा।
आरोप है कि अभियुक्तों ने बच्ची को 10 जनवरी को अगवा किया और उसे एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा। बच्ची को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ बार-बार बलात्कार किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी। आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है जिसके खिलाफ एक पृथक आरोपपत्र दायर किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि कठुआ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कानून के अनुसार एक आरोपपत्र को सुनवाई के लिए सत्र अदालत के पास भेजेंगे जिसमें आठ लोग नामजद हैं। हालांकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नाबालिग के खिलाफ सुनवाई करेंगे क्योंकि किशोर कानून के तहत यह विशेष अदालत है। जम्मू कश्मीर सरकार ने इस संवेदनशील मामले में सुनवाई के लिए दो विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की है और दोनों ही सिख हैं। इसे इस मामले में हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण को देखते हुए 'तटस्थता' सुनिश्चित करने का प्रयास माना जा रहा है।
Court directed that chargesheet copies should be provided to all accused, we are ready for narco tests. Next date of hearing is April 28: Ankur Sharma, Counsel for accused. #KathuaCasepic.twitter.com/71bLDJS1St
— ANI (@ANI) April 16, 2018
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 अप्रैल को जम्मू बार एसोसिएशन तथा कठुआ बार एसोसिएशन को आड़े हाथ लिये जाने के बाद अब सुनवाई सुचारू ढंग से चलने की उम्मीद है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में कुछ वकीलों द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने जम्मू उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की भी आलोचना की थी जिसने प्रस्ताव पारित करके अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं होने को कहा था। अपराध शाखा द्वारा दायर आरोपपत्रों के अनुसार , बकरवाल समुदाय की लड़की का अपहरण , बलात्कार और हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी ताकि इस अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को इलाके से हटाया जा सके। इसमें कठुआ के एक छोटे गांव के एक मंदिर के रखरखाव करने वाले को इस अपराध का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है।
सांजी राम ने कथित रूप से विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा , मित्र प्रवेश कुमार उर्फ मन्नु , राम के भतीजे एक नाबालिग और उसके बेटे विशाल उर्फ 'शम्मा' के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया।आरोपपत्र में जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता को भी नामजद किया गया है जिन्होंने राम से चार लाख रुपये कथित रूप से लेकर महत्वपूर्ण सबूत नष्ट किये। आठों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। अपराध शाखा जम्मू बार एसोसिएशन और कठुआ बार एसोसिएशन को उच्चतम न्यायालय के सामने 19 अप्रैल को पेश होने के लिए जारी नोटिस सौंपेंगी।
कठुआ गैंगरेप केस की पूरी टाइम लाइनः-
- 10 जनवरी को साजिश के तहत नाबालिग ने मासूम बच्ची को घोड़ा ढूंढने में मदद की बात कही। वह उसे जंगल की तरफ ले गया। बाद में बच्ची भागने की कोशिश की लेकिन आरोपियों ने उसे धर दबोचा। इसके बाद उसे नशीली दवाएं देकर उसे एक देवी स्थान के ले गए, जहां रेप किया।
- 11 जनवरी को नाबालिग ने अपने दोस्त विशाल को कहा कि अगर वह मजे लूटना जाता है तो आ जाए। परिजनों ने बच्ची की तलाश शुरू की। देवीस्थान भी गए लेकिन वहां उन्हें संजी राम ने झांसा दे दिया। दोपहर में दीपक खजुरिया और नाबालिग ने मासूम को फिर नशीली दवाएं दीं।
- 12 जवनरी को मासूम को फिर नशीली दवाएं देकर रेप। पुलिस की जांच शुरू। दीपक खजुरिया खुद जांच टीम में शामिल था जो संजी राम के घर पहुंचा। राम ने उसे रिश्वत की पेशकश की। हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज ने कहा कि वह सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता को रिश्वत दे। तिलक राज ने 1। 5 लाख रुपये रिश्वत दिए।
- 13 जनवरी को विशाल, संजी राम और नाबालिग ने देवी स्थान पर पूजा-अर्चना की। इसके बाद लड़की के साथ रेप किया और उसे फिर नशीली दवाएं दीं। इसके बाद बच्ची को मारने के लिए वे एक पुलिया पर ले गए। यहां पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया ने कहा कि वह कुछ देर और रुक जाएं क्योंकि वह पहले रेप करना चाहता है। इसके बाद उसका गला घोंटकर मार दिा गया।
- 15 जनवरी को आरोपियों ने मासूम के शरीर को जंगल में फेंक दिया।
- 17 जनवरी को जंगल से मासूम बच्ची का शव बरामद।
- शव का पता चलने के करीब हफ्ते भर बाद 23 जनवरी के सरकार ने यह मामला अपराध शाखा को सौंपा जिसने एसआईटी गठित की।
- 10 अप्रैल को इस मामले में एसआईटी ने अपनी 12 पेज की चार्जशीट दाखिल की। जिसमें कठुआ बार एसोसिएशन के वकीलों ने हंगामा किया।
- 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बार एसोसिएशन को नोटिस भेजा है।
16 अप्रैल- कठुआ गैंगरेप मामले के सभी अभियुक्तों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने सभी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए अगली सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख दी है।