मंदिर में प्रसाद खाने से 15 मौतें, मिलाया गया था जहर, पुलिस ने बताया- ऐसे रची गई थी साजिश
By पल्लवी कुमारी | Published: December 20, 2018 06:03 PM2018-12-20T18:03:37+5:302018-12-20T18:03:37+5:30
कर्नाटक के चामराजनगर जिले के सुलिवादी गांव में मंदिर में प्रसाद खाने से 15 लोगों की मौत हुई है। पुलिस ने बताया कि मंदिर से 15 कीटनाशक की बोतलें बरामद हुई है।
कर्नाटक के चामराजनगर जिले के सुलिवादी गांव में मंदिर में प्रसाद खाने से 15 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में तकरीबन 120 लोगों की हालत खराब हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है। 15 लोगों की मौत के सनसनीखेज मामले का बुधवार को पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
पुलिस ने बताया कि मंदिर से 15 कीटनाशक की बोतलें बरामद हुई है। पुलिस के मुताबिक मंदिर के मठाधीश ने ये सब प्लान किया था। मठाधीश चाहता था कि वह मंदिर के ट्रस्टी को फंसाकर वहां चढ़ने वाले चढ़ावे पर अपना अधिकार स्थापित कर सके।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के.वी. शरथ चंद्र के मुताबिक, मठाधीश के कहने पर ही उसकी प्रेमिका, प्रेमिका के पति और नजदीक के ही एक मंदिर के पुजारी ने 14 दिसंबर को प्रसाद में जहर मिला दिया था। जिसको खाने से 15 लोगों की मौते हो गई थी। हालांकि पुलिस ने अब इस मामले में मठाधीश समेत उसके तीन अन्य सहयोगियों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इन सभी के ऊपर हत्या के आरोप में केस दर्ज किया गया है।
पुलिस अधिकारी ने 2017 से मंदिर ट्रस्ट के नियंत्रण में था, लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया, जिसने उसे परेशान कर दिया। पुलिस के मुताबिक, मठाधीश ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की है। लेकिन पुलिस को मठाधीश की प्रेमिका से पूछताछ के वक्त ही शक हो गया था, जिसके बाद पुलिस ने मामले का खुलासा किया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने मठाधीश की प्रेमिका अंबिका के घर में कृषि विभाग के एक अधिकारी की भागीदारी पाई। घटना के आठ दिन पहले कृषि विभाग का अधिकारी अंबिका के घर गया था। अंबिका के रिश्तेदार ने पुलिस को बताया कि उन्होंने कीटनाशक दवाओं की 500 एमएल की दो बोतलें उन्हें दी थी। रिश्तेदारों ने यह भी बताया कि अंबिका ने यह कहा था कि उसे अपने बगीचे पौधों के लिए इन दवाओं की जरूरत है।
जानें क्या था पूरा मामला
कर्नाटक के चामराजनगर जिले के सुलिवादी गांव में बीते शुक्रवार को एक मंदिर में प्रसाद खाने से दो बच्चों समेत कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई जबकि 120 लोग बीमार हो गए।
पुलिस ने उस वक्त कहा था 12 लोगों की हालत गंभीर है, जिन्हें मैसूरु के हॉस्पिटल में भेजा गया है, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हुई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रसाद ने कहा था कि इस बात का संदेह है कि प्रसाद के साथ जहर मिल गया हो, जिसकी वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ।
उन्होंने पत्रकारों को बताया, "हमने प्रसाद के नमूने इकट्ठे कर जांच के लिये प्रयोगशाला भेज दिये थे, जिसके बाद ये बात साफ हो गई कि प्रसाद में जहर मिलाया गया था।’’
पुलिस के मुताबिक बीते गुरुवार सुबह मरम्मा मंदिर की आधारशिला रखे जाने के मौके पर प्रसाद बांटा गया था। पुलिस ने कहा कि प्रसाद खाने के बाद लोगों को उल्टी होने के साथ पेट में दर्द होने लगा।
घटना के बाद आनन-फानन में लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद पुलिस और जिला के आला अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। इलाज के दौरान पांच लोगों ने दम तोड़ दिया।
हादसे पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने अधिकारियों को पीड़ितों के इलाज के लिये सभी इंतजाम करने को कहा था। कुछ पीड़ितों का कहना है कि प्रसाद में मिट्टी के तेल की गंध आ रही थी जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया।