कानपुर शूटआउटः यूपी के राजनीतिक दलों में है हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की पकड़, ऐसे चलाता है अपराध का साम्राज्य

By आदित्य द्विवेदी | Published: July 3, 2020 09:23 AM2020-07-03T09:23:54+5:302020-07-03T14:02:03+5:30

विकास दुबे एक पुराना हिस्ट्रीशीटर है जिसकी पैठ यूपी के कई राजनीतिक दलों में होती थी। वो बिठूर के शिवली थाना क्षेत्र के बिकरू गांव का रहने वाला है। विकास साल 2001 में उस वक्त चर्चा में आया था जब उसने बीजेपी के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या कर दी थी।

Kanpur Shootout: Who is History Sheeter Vikas Dube, how he runs the empire of crime | कानपुर शूटआउटः यूपी के राजनीतिक दलों में है हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की पकड़, ऐसे चलाता है अपराध का साम्राज्य

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (फाइल फोटो)

Highlightsसीओ के नेतृत्व में पुलिस टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश देने जा रही थी।साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करवाया था।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की आज हर तरफ चर्चा हो रहा है। यूपी पुलिस की कई टीमें और एसटीएफ उसके खिलाफ सघन अभियान चला रही हैं। पुलिस के जवान अपने उन 8 साथियों की शहादत का बदला लेने को आतुर हैं जिनपर गुरुवार रात ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं गई थी। इसमें एक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए और सात जवान घायल हो गए। ये शूटआउट ऐसे समय में किया गया जब सीओ के नेतृत्व में पुलिस टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश देने जा रही थी।

कौन है हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे?

विकास दुबे एक पुराना हिस्ट्रीशीटर है जिसकी पैठ यूपी के कई राजनीतिक दलों में होती थी। वो बिठूर के शिवली थाना क्षेत्र के बिकरू गांव का रहने वाला है। विकास साल 2001 में उस वक्त चर्चा में आया था जब उसने बीजेपी के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या कर दी थी। लेकिन उसके रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरेआम इतने बड़े नेता की हत्या के बावजूद कानून उसका कुछ नहीं बिगाड़ सका। ना कोई गवाह पेश हुआ और ना सबूत। इसी का नतीजा है कि वह जेल से छूट गया और आज आठ जांबाज पुलिस कर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। विकास पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

जेल में बैठकर रची हत्या की साजिश

वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। इसके अलावा साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करवाया था। अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

राजनीतिक दलों में गहरी पैठ

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की यूपी के कई राजनीतिक दलों में पकड़ है। 2002 के जब मायावती सूबेकी मुख्यमंत्री थीं तब इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में चलता था। इस दौरान इसने जमीनों पर अवैध के साथ और गैर कानूनी तरीके से संपत्ति बनाई। जेल में रहने केदौरान शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीत गया। राजनीतिक दलों में पैठ का ही नतीजा है कि विकास दुबे कई बार गिरफ्तार होने के बावजूद आसानी से छूट गया।

कैसे हुआ कानपुर शूटआउट

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में पुलिस को विकास दुबे की सूचना मिली थी। देर रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में पुलिस दबिश देने जा रही थी। रास्ते में एक जेसीबी खड़ी करके दबिश पार्टी का रास्ता बाधित किया गया। जैसे ही पुलिसकर्मी गाड़ियों से नीचे उतरे उनपर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू हो गई। बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर छतों से फायरिंग कर रहे थे। देखते ही देखते सीओ और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इसके अलावा 7 पुलिसकर्मी घायल हो गए जिन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Web Title: Kanpur Shootout: Who is History Sheeter Vikas Dube, how he runs the empire of crime

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