कानपुर शूटआउट: सस्पेंड पुलिसकर्मी विनय तिवारी गिरफ्तार, विकास दुबे को पुलिस की रेड की जानकारी देने का है आरोप
By स्वाति सिंह | Published: July 8, 2020 05:46 PM2020-07-08T17:46:38+5:302020-07-08T18:35:50+5:30
बिकरू गांव जहां, छापेमारी हुई वह चौबेपुर थानाक्षेत्र में आता है। पुलिस की टीम जब वहां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए जा रही थी तो एसओ चौबेपुर विनय तिवारी जेसीबी के पीछे रह गए। जो विकास दुबे के घर से कुछ दूर पुलिस को रोकने के लिए लगाई गई थी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को सस्पेंड पुलिस ऑफिसर विनय तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। तिवारी पर विकास दुबे को पुलिस की दबिश जानकारी देने का आरोप है। कथित तौर पर विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं। जिन्होंने पिछले 24 घंटे के भीतर विकास दुबे से बात की थी।
पुलिस ने इसी शक में चौबेपुर के एसओ (SO) विनय तिवारी को सस्पेंड किया गया। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस इस मामले में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड से भी पूछताछ की। इन्हीं आरोपी के चलते थाने के एक और सब इंस्पेक्टर केके शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है।
चौबेपुर के SO विनय तिवारी की गिरफ्तारी क्यों?
बिकरू गांव जहां, छापेमारी हुई वह चौबेपुर थानाक्षेत्र में आता है। पुलिस की टीम जब वहां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए जा रही थी तो एसओ चौबेपुर विनय तिवारी जेसीबी के पीछे रह गए। जो विकास दुबे के घर से कुछ दूर पुलिस को रोकने के लिए लगाई गई थी। जबकि थानाक्षेत्र उनका था, इलाके में लगाए गए बीट कांस्टेबल उन्हें रिपोर्ट करते थे। गांव की भौगोलिक स्थिति के बारे में भी उन्हें ज्यादा जानकारी थी। उसके बाद भी वह आगे नहीं बढ़े। इसी मामले में एसटीएफ के अधिकारियों ने एसओ चौबेपुर से लगातार पूछताछ कर रहे हैं।
जानें कानपुर शूटआउट में क्या हुआ?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथ अन्य अपराधियों ने हमला किया। जिसमें 3 जुलाई तड़के पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। आठ पुलिस कर्मी घायल हैं, जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए।
पुलिस ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में पुलिस की टीम आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रही था। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। जैसे ही पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए। ये सब इतनी जल्दीबाजी में हुआ कि पुलिस को संभलने का मौक नहीं मिला। एसओ बिठूर समेत 6 पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक गंभीर रूप से घायल है। सभी घायलों को गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।