कानपुर: मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या मामले में उनके भाई ने कहा- 30 में से किसी पुलिसवाले ने विकास दुबे के खिलाफ बयान नहीं दिया

By अनुराग आनंद | Published: July 7, 2020 01:49 PM2020-07-07T13:49:22+5:302020-07-07T14:25:38+5:30

कानपुर में विकास दुबे को पकड़ने के लिए गई पुलिस टीम पर हुए जानलेवा हमले में 8 जवानों के शहीद होने के बाद 5 दिन हो गए लेकिन हिस्ट्रीशीटर दुबे पुलिस की गिरफ्त में अब तक नहीं आया है।

kanpur: None of the 30 policemen gave a statement against Vikas Dubey: brother in the murder of Minister Santosh Shukla | कानपुर: मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या मामले में उनके भाई ने कहा- 30 में से किसी पुलिसवाले ने विकास दुबे के खिलाफ बयान नहीं दिया

विकास दुबे (फाइल फोटो)

Highlightsमनोज शुक्ला ने कहा कि हमारे भाई मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर विकास दुबे बच गया था, लेकिन इस बार नहीं बचेगा। मनोज शुक्ला ने कहा कि 2001 से 2020 तक में बहूत कुछ बदल गया है, सीएम योगी आदित्यनाथ पर भरोसा है कि वह 8 पुलिस की हत्या मामले में न्याय करेंगे।पुलिस अधीक्षक, कानपुर देहात, अनुराग वत्स को विकास दुबे के पुराने मामलों को देखने के लिए कहा गया है।

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में राजनाथ सिंह सरकार के राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या थाने में घुसकर अपराधियों ने की थी। यह घटना साल 2001 में पुलिस के सामने घटित हुई थी। इस मामले में विकास दुबे पर मृतक राज्यमंत्री संतोष शुक्ला के भाई ने हत्या का आरोप लगाया था। 

एचटी रिपोर्ट की मानें तो मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या के आरोप से बरी हुए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बारे में संतोष के भाई मनोज शुक्ला ने कहा कि हत्या के समय थाने में 25 सिपाही व 5 सब इंस्पेक्टर मौजूद थे, लेकिन घटना के बाद किसी ने गवाही नहीं दी थी। 

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा: मनोज शुक्ला

बता दें कि कानपुर शूटआउट के मामले में 8 पुलिस वालों की मौत को लेकर  संतोष शुक्ला के भाई मनोज शुक्ला ने कहा कि मुझे राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ व वर्तमान पुलिस अधिकारियों पर पूरा भरोसा है।

मनोज की मानें तो वह साल 2001 था और अब साल 2020 है, ऐसे में मुझे पूरा भरोसा है कि विकास दुबे के सभी पाप का न्याय जरूर होगा। यूपी पुलिस उसे जल्द गिरफ्तार करने में सफल होगी।

मनोज ने बीते दिनों को याद कर बताया कि जब उनके भाई के हत्या के बाद विकास दुबे ने कोर्ट में सरेंडर किया तो उसे बचाने के लिए उसके आगे पीछे नेताओं की भीड़ लगी होती थी। उसे देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि वह पुलिस गिरफ्त में हो।

विकास दुबे से जुड़े सभी केस के फाइल को फिर से जांचा जाएगा

अतिरिक्त महानिदेशक, कानपुर, जय नारायण सिंह ने संतोष शुक्ला हत्याकांड से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे हैं, जिन्हें फिर से खोलने की संभावना है।

उन्होंने पुलिस अधीक्षक, कानपुर देहात, अनुराग वत्स को विकास दुबे के पुराने मामलों को देखने के लिए कहा है।

इसी तरह, उन्होंने 2002 में कौशल किशोर त्रिपाठी और श्री कृष्ण मिश्रा की हत्याओं से संबंधित सभी फाइलों को भी फिर से देखने के लिए कहा गया है।

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कानपुर शूटआउट मामले में अब-तक चार पुलिसकर्मी सस्पेंड, विकास दुबे पर 2.5 लाख का इनाम

कानपुर शूटआउट मामले में अब तक चार पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। सोमवार (6 जुलाई) को तीन और पुलिस कर्मी निलंबित किए गए। उसके पहले चौबेपुर थानाध्यक्ष को भी निलंबित कर दिया गया था। पहले विकास दुबे पर पचास हजार रुपये का इनाम था जिसे बाद में बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया और 6 जुलाई को इसे बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दिया गया।

निलंबित होने वालों में उपनिरीक्षक कुंवरपाल, उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार शर्मा और कांस्टेबल राजीव हैं। ये सभी चौबेपुर थाने में तैनात थे। तीनों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और अगर जांच के दौरान उनकी भूमिका या साजिश सामने आयी तो उनके खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी।

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