कानपुर एनकाउंटर: तीन पुलिसकर्मी निलंबित, जांच शुरू, ड्यूटी पर लापरवाही बरतने का आरोप
By निखिल वर्मा | Published: July 6, 2020 12:59 PM2020-07-06T12:59:30+5:302020-07-06T13:26:39+5:30
दो दिन पहले कानपुर मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद शक के घेरे में आए चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया था.
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की मौत के मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने को लेकर तीन पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है. कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया है कि निलंबित उपनिरीक्षकों कुंवरपाल और कृष्ण कुमार शर्मा व कॉन्स्टेबल राजीव के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की गई है.
ये सभी चौबेपुर थाने में तैनात थे. तीनों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा और अगर जांच के दौरान उनकी भूमिका या साजिश सामने आयी तो उनके खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी. पुलिस के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि तीनों पुलिसकर्मी चौबेपुर के थाना प्रभारी विनय तिवारी के साथ विकास दुबे के घर बुधवार को गए थे. स्थानीय कारोबारी राहुल तिवारी की शिकायत पर पुलिस वहां दबिश देने गयी थी.
राहुल को विकास दुबे ने पुलिस की मौजूदगी में पीटा था. जब तिवारी ने बीचबचाव की कोशिश की तो दुबे ने कथित रूप से उनका मोबाइल छीनकर उनके साथ भी बदसलूकी की थी. उसके बाद दोनों के बीच कहासुनी और धक्कामुक्की भी हुई और फिर पुलिस घर से चली गई. मुठभेड़ की वारदात के बाद विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है.
कानपुर के बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके गुर्गों से पुलिस की हुई मुठभेड़ में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. हमलावरों ने पुलिस टीम पर तमंचों के साथ एके-47 से भी गोलियां बरसाई थीं. शहीद सिपाही जितेंद्र पाल के शरीर से एके-47 की एक गोली बरामद हुई है. पोस्टमार्टम के दौरान पता चला है कि चार जवानों के शरीर से गोलियां आर-पार निकल गई थी. अन्य चार जवानों के शरीर से 315 और 312 बोर के कारतूस के टुकड़े बरामद हुए हैं. वहीं डीएसपी देवेंद्र मिश्रा के चेहरे, सीने और पैर में सटाकर गोली मारी गई. उनका भेजा और गर्दन का हिस्सा उड़ गया था. उनके पैर और कमर पर कुल्हाड़ी से वार के निशान थे.
एसएसपी के सीने में लगी थी गोली, आईजी के सिर के पास से गुजरी बुलेट
कानपुर पुलिस ने कहा है कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गुर्गों से मुठभेड़ के दौरान आईजी बाल-बाल बचे, जबकि एसएसपी को सीने में गोलियां लगी थीं.वह इसलिए बच गए कि उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट पहनी थी. पुलिस ने रविवार को बयान जारी कर कहा है कि एसएसपी को इस मुठभेड़ के दौरान सीने में गोलियां लगी थीं, लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट होने की वजह से गोलियां जैकेट में धंस गईं. असल में, विकास के 8 से 10 गुर्गों ने पुलिस पर तीन ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग कर हमला बोला था. घर के अंदर और छतों से गोलियां चलाई गईं. इसमें पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए. पुलिसकर्मियों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई, लेकिन अंधेरे के कारण बदमाश भागने में कामयाब रहे.
चौराहे पर पुलिसकर्मियों के शव जलाने की थी योजना
विकास दुबे गुरुवार रात की घटना के बाद से फरार है, लेकिन इस दौरान पुलिस जांच में कई महत्वपूर्ण खुलासे हो रहे हैं. एक खुलासे के मुताबिक विकास दुबे गुरु वार की रात आठों पुलिस कर्मियों की मौत के बाद उनके शव को गांव में ही चौराहे पर जलाना चाहता था.पुलिसकर्मियों के शहीद होने की खबर मिलने के बाद जब बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां पहुंचे तो पुलिसकर्मियों के शव एक के ऊपर एक पड़े हुए थे. सभी शवों को जलाने के लिए घर में मौजूद ट्रैक्टर से तेल निकाला जा रहा था. तभी पुलिस की दूसरी टीम मौके पर पहुंच गई और बदमाश वहां से भाग निकले. बताया जा रहा है कि विकास दुबे इनोवा से फरार हुआ था और जाते समय पूरे परिवार के मोबाइल फोन साथ ले गया.
औरैया में मिली विकास की आखिरी लोकेशन
सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे की आखिरी लोकेशन यूपी के औरैया में मिली है. औरेया मप्र से सटा हुआ है, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि विकास मप्र की ओर भाग सकता है. औरैया जिले के एलजी गार्डन गेस्ट हाउस के पास एक कार भी मिली है. कार पर लखनऊ का नंबर है. ये कार अमित दुबे नाम के किसी व्यक्ति के नाम रजिस्टर्ड है. पुलिस कार की जांच में जुट गई है.