कानपुर मुठभेड़: चौबेपुर के SO विनय तिवारी सस्पेंड, विकास दुबे को सूचना देने के आरोप, कॉल डिटेल से कई खुलासे
By पल्लवी कुमारी | Published: July 4, 2020 02:24 PM2020-07-04T14:24:43+5:302020-07-04T14:33:52+5:30
कानपुर शूटआउट के पीछे पुलिस विभाग के भेदिए की गहरी साजिश की आशंका जताई जा रही है। इस माममे में पुलिस चौबेपुर के एसओ (SO) विनय तिवारी सहित एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड से भी पूछताछ कर रही है। विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं।
कानपुर: कानपुर मुठभेड़ मामले में पुलिस ने चौबेपुर के एसओ (SO) विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। यूपी एसटीएफ (STF)विनय तिवारी से पूछताछ कर रही है। एसओ विनय तिवारी पर मुखबिरी करने का शक है। इधर कानपुर एनकाउंटर (kanpur Encounter) का मास्टरमाइंड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने JCB मशीन लगाकर विकास दुबे के घर को गिरा दिया है। ये वही घर है जहां से विकास दुबे ने उत्तर प्रदेश की पुलिस पर फायरिंग की थी। विकास दुबे का ये घर कानपुर के चौबेपुर थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में है। कानपुर शूटआउट में पुलिस उपाधीक्षक सहित 8 सिपाही शहीद हो गए हैं।
विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं। जिन्होंने पिछले 24 घंटे के भीतर विकास दुबे से बात की थी। पुलिस ने इसी शक में चौबेपुर के एसओ (SO) विनय तिवारी को सस्पेंड किया है। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस इस मामले में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड से भी पूछताछ कर रही है।
चौबेपुर के SO विनय तिवारी से हो रही है पूछताछ, आखिर क्यों रह गए जेसीबी के पीछे
बिकरू गांव जहां, छापेमारी हुई वह चौबेपुर थानाक्षेत्र में आता है। पुलिस की टीम जब वहां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए जा रही थी तो एसओ चौबेपुर विनय तिवारी जेसीबी के पीछे रह गए। जो विकास दुबे के घर से कुछ दूर पुलिस को रोकने के लिए लगाई गई थी। जबकि थानाक्षेत्र उनका था, इलाके में लगाए गए बीट कांस्टेबल उन्हें रिपोर्ट करते थे। गांव की भौगोलिक स्थिति के बारे में भी उन्हें ज्यादा जानकारी थी। उसके बाद भी वह आगे नहीं बढ़े। इसी मामले में एसटीएफ के अधिकारियों ने एसओ चौबेपुर से लगातार पूछताछ कर रहे हैं।
तगड़ा नेटववर्क निकला हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का
कानपुर शूटआउट की घटना पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि पुलिस से ज्यादा तगड़ा नेटववर्क हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का निकला। बताया जा रहा है कि विकास दुबे को विभाग के किसी कर्मी ने ही पुलिस दबिश की पूरी सूचना दे दी थी। उसे यह तक बता दिया गया था कि कितने थाने की फोर्स आ रही है...कितनी पुलिस होगी। क्या समय होगा...सबकुछ।
जानें कानपुर शूटआउट में क्या हुआ?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथ अन्य अपराधियों ने हमला किया। जिसमें 3 जुलाई तड़के पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। आठ पुलिस कर्मी घायल हैं, जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए।
पुलिस ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में पुलिस की टीम आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रही था। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। जैसे ही पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए। ये सब इतनी जल्दीबाजी में हुआ कि पुलिस को संभलने का मौक नहीं मिला। एसओ बिठूर समेत 6 पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक गंभीर रूप से घायल है। सभी घायलों को गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।