कमलेश तिवारी हत्याकांड: आरोपी हिंदू बनने के लिए जूनियर स्टाफ के आधार कार्ड का कर रहा था इस्तेमाल, पुलिस से कर्मचारी ने बताई सारी बात

By भाषा | Published: October 22, 2019 05:25 PM2019-10-22T17:25:03+5:302019-10-22T17:25:03+5:30

18 अक्टूबर को लखनऊ के नाका हिंडोला क्षेत्र में हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की उनके घर पर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार की जमकर आलोचना हो रही है।

kamlesh tiwari Murder case update accused use his staff aadhaar card to join hindu outfit | कमलेश तिवारी हत्याकांड: आरोपी हिंदू बनने के लिए जूनियर स्टाफ के आधार कार्ड का कर रहा था इस्तेमाल, पुलिस से कर्मचारी ने बताई सारी बात

कमलेश तिवारी हत्याकांड: आरोपी हिंदू बनने के लिए जूनियर स्टाफ के आधार कार्ड का कर रहा था इस्तेमाल, पुलिस से कर्मचारी ने बताई सारी बात

Highlightsदो मुख्य आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद पर यूपी पुलिस ने 2.5 लाख- 2.5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर और गोली मारकर न‍िर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी।

कमलेश तिवारी हत्या मामले में मुख्य संदिग्ध सूरत निवासी अशफाक शेख ने मारे गये नेता की हिंदू समाज पार्टी (एचएसपी) में शामिल होने के लिए अपने एक सहयोगी के आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल करके उसकी पहचान हासिल की। वो भी सिर्फ इसलिए कि लोगों को शक ना हो कि वह मुस्लिम है। एचएसपी के अध्यक्ष तिवारी (45) की गत 18 अक्टूबर को लखनऊ के नाका हिंडोला क्षेत्र में स्थित उनके घर पर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले वह हिंदू महासभा के एक गुट से जुड़े हुए थे। शेख और एक अन्य फरार संदिग्ध मोइनुद्दीन हत्या के मुख्य आरोपी के रूप में सामने आये है। दो मुख्य आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद पर यूपी पुलिस ने 2.5 लाख- 2.5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।

शेख ने कथित तौर पर अपने सहयोगी रोहित सोलंकी की फोटो को अपने आधार कार्ड पर लगा दिया। उसने आधार कार्ड पर जन्म तिथि को भी बदल दिया। सोलंकी ने पत्रकारों को बताया कि उसे हत्या मामले में उसका नाम आने से पहले शेख के कृत्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक फार्मा कंपनी के लिए एक चिकित्सा प्रतिनिधि के रूप में काम करता था और अशफाक शेख मेरे वरिष्ठ थे। क्योंकि वह क्षेत्रीय प्रबंधक थे, इसलिए मैंने उन्हें कंपनी की नीति के अनुसार औपचारिकताएँ पूरी करने के लिए अपने आधार कार्ड की एक प्रति सौंपी। अब मुझे पता चला कि मेरी पहचान हासिल करने के लिए उसने आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया।’’

सोलंकी ने कहा, ‘‘अशफाक ने आधार कार्ड पर मेरी फोटो बदल दी। उसने जन्म तिथि भी बदल दी, लेकिन अन्य जानकारियां जैसे नाम और विशिष्ट पहचान संख्या में छेड़छाड़ नहीं की।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले 18 महीनों में कभी शेख का व्यवहार संदिग्ध नहीं लगा।

सोलंकी ने कहा, ‘‘यह जानकर वास्तव में बहुत हैरानी हुई कि वह अपराध में शामिल है और उसने मेरे आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया।’’ उन्होंने कहा कि वह शेख के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज करायेगा। शेख उर्फ सोलंकी को एचएसपी में गुजरात इकाई के अध्यक्ष जयमीन दवे द्वारा शामिल किया गया था।

दवे ने कहा कि उन्हें शेख की वास्तविक पहचान के बारे में जानकारी नहीं थी क्योंकि जो आधार कार्ड सौंपा गया था उसमें उसने अपनी सोलंकी के रूप में बताई थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के साथ शेख की जाली पहचान की जानकारियों को साझा किया है। शेख इस वर्ष जून में एचएसपी में शामिल हुआ था और उसे सूरत शहर में वराछा वार्ड के लिए पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ में ‘प्रचारक’ नियुक्त किया गया था।

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