मृतका सुदीक्षा भाटी को न्यायः धरने पर बैठे सपा नेता अतुल प्रधान, संजय सिंह बोले-बेटियां, नेता, पत्रकार, वकील व मानवता सुरक्षित नहीं
By भाषा | Published: August 12, 2020 01:42 PM2020-08-12T13:42:56+5:302020-08-12T13:42:56+5:30
प्रधान ने कहा कि जब तक मृतका के परिवार को न्याय नहीं मिल जाता उनका संघर्ष जारी रहेगा। गौरतलब है कि बीबीए की छात्रा सुदीक्षा भाटी की जनपद बुलंदशहर के औरंगाबाद थाना क्षेत्र में दो दिन पहले एक सड़क हादसे में मौत हो गयी थी।
नोएडाः समाजवादी पार्टी के नेता अतुल प्रधान ने मृतका सुदीक्षा भाटी के घर पहुंचकर उनके परिवार से मुलाकात की और परिवार वालों को मुआवजा दिए जाने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए।
प्रधान पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ डेरीस्कनर गांव में धरने पर बैठ हैं। प्रधान ने कहा कि जब तक मृतका के परिवार को न्याय नहीं मिल जाता उनका संघर्ष जारी रहेगा। गौरतलब है कि बीबीए की छात्रा सुदीक्षा भाटी की जनपद बुलंदशहर के औरंगाबाद थाना क्षेत्र में दो दिन पहले एक सड़क हादसे में मौत हो गयी थी।
सुदीक्षा के परिजन का आरोप है कि जब वह अपने मामा के घर जा रही थी तब कुछ अज्ञात लोगों ने उससे छेड़खानी की कोशिश की और उसका पीछा किया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति जंगलराज से भी बदतर है और यहां बेटियां, नेता, पत्रकार, वकील व मानवता सुरक्षित नहीं हैं।
गांव डेयरी स्केनर की छात्रा सुदीक्षा भाटी की मौत के बाद उसके परिजन से मिलने पहुंचे सिंह ने मंगलवार रात को यह बातें कहीं। सिंह ने कहा कि सुदीक्षा की मौत उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक कलंक है और प्रदेश में कानून-व्यवस्था का आलम यह है कि मनचले 3 किलोमीटर तक होनहार बेटी का पीछा करते रहे, जिसकी वजह से वह सड़क हादसे का शिकार हुई। उन्होंने कहा कि इस घटना के दोषियों को पकड़ने के बजाय बुलंदशहर की पुलिस मृतका के परिजन पर गलत आरोप लगाने में जुट गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में लूट, हत्या, बलात्कार की घटनाएं आम हो गई हैं। यहां पर नेता, पत्रकार, वकील, बेटियां व समाज के संभ्रांत लोग सुरक्षित नहीं है। व्यापारियों से रंगदारी वसूली जा रही है। आप नेता ने मांग की है कि छात्रा के परिजन को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए, तथा उनके परिवार के अन्य बच्चों को सरकार पढ़ाई की मुफ्त सुविधा दे। उन्होंने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुदीक्षा के मामले की सुनवाई की जाए तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।