पत्रकार तरुण सिसोदिया की आत्महत्या मामले की जांच की मांग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 8, 2020 01:49 PM2020-07-08T13:49:21+5:302020-07-08T13:49:21+5:30
‘प्रेस एसोसिएशन’ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावड़ेकर को लिखे पत्रों में घटना की न्यायिक जांच की मांग की जिससे सच्चाई सामने आ सके।
मान्यता प्राप्त पत्रकारों के एक संगठन ने 37 वर्षीय पत्रकार तरुण सिसोदिया की मृत्यु के मामले की न्यायिक जांच की मांग की जिनका एम्स ट्रॉमा सेंटर में कोविड-19 के लिए इलाज चल रहा था। पत्रकार तरुण सिसोदिया ने अस्पताल की चौथी मंजिल से कथित रूप से छलांग लगा दी थी।
मान्यता प्राप्त पत्रकारों के संगठन ‘प्रेस एसोसिएशन’ ने एक बयान में सरकार से यह भी अपील की कि वह मृत पत्रकार के परिजन को संकट की इस घड़ी में मदद के लिए धनराशि जारी करे। पत्रकार तरुण सिसोदिया एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के लिए काम करते थे और अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ उत्तरपूर्व दिल्ली के भजनपुरा में रहते थे।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपश्चिम) देवेंद्र आर्य ने कहा कि सिसोदिया ने सोमवार को ट्रॉमा सेंटर की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। पुलिस ने बताया कि उसने तहकीकात की कार्रवाई शुरू कर दी है। अस्पताल प्राधिकारियों ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सकों ने बताया कि पत्रकार को बचाने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया। ट्रॉमा सेंटर अभी कोविड-19 इकाई के रूप में काम कर रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट किया था, ‘‘मैंने एम्स निदेशक को घटना की आधिकारिक जांच के लिए तत्काल एक समिति गठित करने का आदेश दिया था जिसके बाद एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है और समिति 48 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।’’ प्रेस एसोसिएशन ने कहा कि सरकार ने एम्स के विभागों के प्रमुखों वाली जिस समिति का आदेश दिया है वह संभव है कि उचित नहीं हो क्योंकि घटना संस्थान में हुई है। उसने कहा कि सिसोदिया के परिवार में पत्नी और दो पुत्रियां हैं और पूरा परिवार उन पर ही आर्थिक रूप से निर्भर था।
बयान में कहा गया है कि सरकार को मृतक के निकट परिजन के लिए धनराशि जारी करनी चाहिए। प्रेस ऐसोसिएशन ने पूर्व में केंद्र से पत्रकारों के लिए 50 लाख रुपये का बीमा कवर देने का आग्रह किया था जो अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की तरह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।