10वीं फेल ने ऑनलाइन रैकेट चला लाखों को ठगा, माओवादियों के सहयोग से चलता था गिरोह
By पल्लवी कुमारी | Published: May 25, 2018 04:53 PM2018-05-25T16:53:44+5:302018-05-25T16:53:44+5:30
इस गिरोह ने हाल ही में एक महिला से ओटीपी पूछकर उनके खाते से 1.9 लाख रुपए ठग लिए। महिला की शिकायत दर्ज के बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
रांची, 25 मई: झारखंड के छोटे से गांव एक 35 वर्षीय युवक द्वारा चलाए जा रहे एक ऑनलाइन रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस रैकेट ने लाखों लोगों को ठगा है। युवक का नाम राम कुमार मंडल है। इस मामले में दिल्ली के आनंद विहार में केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि यह मामला झारखंड के एक छोटे से गांव का है।
इस गिरोह ने हाल ही में एक महिला से ओटीपी पूछकर उनके खाते से 1.9 लाख रुपए ठग लिए। महिला की शिकायत दर्ज के बाद पुलिस ने कार्रवाई की, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। पुलिस के मुताबिक आरोपी राम कुमार मंडल दसवीं फेल है। उसने अपने गांव के तकरीबन 200 लोगों से ज्यादा लोगों को इस रैकेट को चलाने के लिए ट्रेनिंग दी है।
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ये लोग पहले फोन करके लोगों को आरबीआई या अन्य बैंकों के कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव के बारे में बताते हैं। अपनी बातों में उलझाकर किसी तरह उनसे उनके बैंक डिटेल के बारे में पता करते हैं। उसके बाद वह उनके अकाउंट से पैसे गायब करते थे।
पुलिस के मुताबिक अब तक ये लोग एक लाख से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। इस गैंग ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और पणजी जैसे बड़े शहरों के लोगों को फंसाया था। पुलिस ने यह भी बताया कि पिछले चार सालों से माओवादियों के सहयोग से यह रैकेट चल रहा था।
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दिल्ली पुलिस की मानें तो दिल्ली से एक टीम झारखंड के गांव में पहुंची तो वहां ई-वॉलिट चल रहा था। एक ग्रुप ई-वॉलिट ऐक्सेस किए जाने वाले लोकेशन को ढूंढ रहा था तो दूसरा इसके ऑपरेटर को। पुलिस ने ई-वॉलिट सर्विस प्रोवाइडर से इस अकाउंट के सभी ट्रांजैक्शन ब्लॉक करवा दिए और 40,000 रुपये वापस लिए गए है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक पाया गया है कि बाकी के पैसे जोधुपर विद्युत वितरण निगम के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। इन पैसों को ई-मित्र काउंटर के जरिए बिजली का बिल भूगतान के लिए किया गया है। पुलिस ने जब इस अकाउंट होल्डर की गिरफ्तारी कर पूछताछ की तो पता चला कि पैसे अकाउंट ओनर सुरेंद्र सिंह द्वारा ट्रांसफर किए गए हैं।
सुरेंद्र सिंह ने बताया कि ये पैसे शबीर अली के ई-वॉलिट में ट्रांसफर किए गए हैं। सुरेंद्र लोगों के कैश लेकर उनके बिल ई-वॉलिट से जमा करता था। इसके बाद शबीर इसमें से पांच प्रतिशत कमीशन लेकर पैसे सुरेंद्र से ले लेता था। इस अकाउंट का ऐक्सेस राम कुमार मंडल के पास था। पुलिस ने बताया कि यह पूरा सिस्टम इतना ज्यादा जटिल बनाया गया है कि पुलिस को किसी तरीके से कोई शक ही ना हो। पुलिस इस मामले की और भी तह तक जाने में लगी है।
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