झारखंड: लॉकडाउन के बीच माता-पिता फंसे कोलकाता, मौका देखकर चचेरे भाई ने दोस्तों के साथ मिलकर किया नाबालिग का गैंगरेप
By एस पी सिन्हा | Published: April 8, 2020 05:09 PM2020-04-08T17:09:36+5:302020-04-08T17:09:36+5:30
झारखंड में लॉकडाउन के बीच युवती को घर पर अकेला पाकर चचेरा भाई ने अपने पांच दोस्तो के साथ-साथ मिलकर गैंगरेप की किया. जिसके पीड़िता की मौसी ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया.
रांची: झारखंड के चाईबासा इलाके से रिश्ते को शर्मसार कर देने वाली एक खबर आई है, जिसमें लॉकडाउन के बीच नाबालिग युवती को घर पर अकेला पा कर चचेरा भाई ने अपने पांच दोस्तो के साथ-साथ मिलकर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया है. घटना पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोकलो की है, जहां लॉकडाउन में कोलकाता में फंसे मां-बाप की नाबालिग बेटी के साथ इस घटना को अंजाम दिया गया. पुलिस के मुताबिक, इस गैंगरेप को पीड़िता के चचेरे भाई ने अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर अंजाम दिया है.
पुलिस ने बताया है कि वारदात बीते शनिवार की है. बच्ची के बयान पर केस दर्ज कर पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सभी आरोपी गांव के ही हैं. पीड़िता के मां-बाप कोलकाता के ईंट-भट्ठे में काम करते हैं. बताया जा रहा है कि थाने में दर्ज मामले के मुताबिक, बच्ची शनिवार शाम को शौच के लिए खेत गई थी, इसी दौरान चचेरे भाई ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गैंगरेप किया, इस वारदात के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी. आरोपियों की धमकी से डरी बच्ची एक दिन तक तो किसी तरह अपने घर में चुप रही. लेकिन, सोमवार सुबह उसने अपनी मौसी को वारदात के बारे में बता दिया, मौसी ने पीड़िता के साथ टोकलो थाना पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया. .
मामला दर्ज कर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी छह आरोपियों महेंद्र बांकिरा, विजय बांकिरा, चंदन हांसदा, राजकुमार तांती, रावकन केराई व चुनमुन केराई को गांव से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने पीडिता को मेडिकल जांच कराने के लिए चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल भेज दिया है. लेकिन, चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण उसे सदर अस्पताल चाईबासा रेफर कर दिया गया है, जहां बोर्ड गठन के बाद उसकी मेडिकल जांच होगी. टोकलो पुलिस ने पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. थानाप्रभारी रघुनाथ किस्कू ने बताया कि वारदात में शामिल सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों के खिलाफ 376-डी आईपीसी एवं पोस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. नाबालिग बच्ची के माता-पिता कोलकाता में लॉकडाउन में फंसे हुए हैं. पीडिता अपने परिजनों के साथ गांव में रहती है.