झारखंडः पांच युवतियों से गैंगरेप का मास्टरमाइंड जॉन जुनास गिरफ्तार, पूछताछ में हुए अहम खुलासे
By एस पी सिन्हा | Published: July 22, 2018 02:51 PM2018-07-22T14:51:46+5:302018-07-22T14:51:46+5:30
खूंटी जिले के कोचांग में 19 जून को एक साथ पांच लडकियों के साथ गैंग की घटना घटित हुई थी। जिसके बाद से जिला प्रशासन इस मामले को लेकर बेहद गंभीर हुई।
रांची, 22 जुलाई: झारखंड के खूंटी जिले में कोचांग गांव में पांच युवतियों के साथ गैंगरेप करवाने का मास्टरमाइंड और पत्थलगड़ी के स्वयंभू नेता जॉन जुनास तिड़ू और बलराम समद को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने गिरफ्तार कर दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार खूंटी गैंगरेप के मुख्य साजिशकर्ता और पत्थलगड़ी के नाम पर भोले-भाले ग्रामीणों को भड़काने के आरोपी जॉन जुनास को जमशेदपुर से और बलराम समद को चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों ने बताया है कि ये दोनों दूसरे राज्य भागने की तैयारी में थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बलराम समद को गिरफ्तार करने के लिए खूंटी से स्पेशल टीम गई थी जबकि जॉन जुनास को जमशेदपुर पुलिस ने की है। बता दें कि खूंटी जिले के कोचांग में 19 जून को एक साथ पांच लडकियों के साथ गैंग की घटना घटित हुई थी। जिसके बाद से जिला प्रशासन इस मामले को लेकर बेहद गंभीर हुई।
वहीं पत्थलगड़ी के समर्थकों ने जब भाजपा सांसद कडिया मुंडा के गार्ड का अपहरण किया उसके बाद से लोगों को उनका हकीकत पता चला और मोह भंग हुआ। लोग अब ये समझने लगे हैं कि कुछ लोग साजिश के तहत ग्रामीणों को बहका रहे हैं। हकीकत जानने के बाद लोग खुद ही कानून के खिलाफ लगे पत्थलगड़ी हटाने लगे हैं।
हालांकि, पिछले दिनों जॉन जुनास तिड़ू ने कहा था कि पत्थलगड़ी को डैमेज करने के लिए जिला प्रशासन जान-बूझकर उसका नाम कोचांग गैंगरेप से जोड़ रहा है। उसने इस घटना में संलिप्तता से इनकार किया था। उसने कहा था कि लोकतंत्र आदिवासियों के लिए नहीं है। आदिवासियों को देश का राजा बताते हुए उसने लोकसभा और विधानसभा के चुनावों के बहिष्कार का एलान करने तक की बात कही थी। उसने कहा था कि पत्थलगडी कुछ दिनों के लिए इस रोका गया है। जिस गांव में पत्थलगड़ी नहीं हुई है वहां भी जल्द पत्थलगड़ी की जायेगी।
संबंधित गांव की ग्रामसभा द्वारा निर्णय लेकर ग्रामप्रधान पत्थलगड़ी करेंगे। तिड़ू ने पिछले दिनों मीडिया से भी कहा था कि वर्तमान में जो शासन व्यवस्था चल रही है उससे आदिवासियों का अधिकार लूटा जा रहा है। वोट व्यवस्था के कारण स्थानीय संपदा की लूट मची है। इसके लिए वह पूरे देश के आदिवासियों को जगाने के अभियान में जुटा है. उसने कहा कि आदिवासी समुदाय से वह अपील करेगा कि आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करें।
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