नक्सली बीरबल गंझू और उसके साथी ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया की जमानत अर्जी खारिज, एनआइए कर रही है जांच
By एस पी सिन्हा | Published: June 24, 2020 08:51 PM2020-06-24T20:51:28+5:302020-06-24T20:51:28+5:30
जांच में बात परत दर परत खुलती जा रही है. केडिया की संलिप्तता की बात सामने आ रही है. यहां उल्लेखनीय है कि चतरा जिला के टंडवा प्रखंड में स्थित मगध और आम्रपाली कोल परियोजनाओं पर टेरर फंडिंग के आरोप लगे थे.
रांचीः झारखंड की दो कोयला परियोजनाओं में टेरर फंडिग के मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए टेरर फंडिंग के आरोपी नक्सली बीरबल गंझू और उसके साथी ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कर रही है. जांच में बात परत दर परत खुलती जा रही है. केडिया की संलिप्तता की बात सामने आ रही है. यहां उल्लेखनीय है कि चतरा जिला के टंडवा प्रखंड में स्थित मगध और आम्रपाली कोल परियोजनाओं पर टेरर फंडिंग के आरोप लगे थे.
टंडवा थाना में वर्ष 2018 में एक केस दर्ज किया गया था
टंडवा थाना में वर्ष 2018 में एक केस दर्ज किया गया था, जिसे बाद में एनआइए ने इसे अपने अधिन ले कर जांच शुरू किया. इसके बाद एनआइए ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल), चतरा जिला की स्थानीय पुलिस, उग्रवादी संगठन और शांति समिति की मिलीभगत से लेवी वसूली का एक गिरोह संचालित हो रहा है.
इसके बाद एनआइए ने सीसीएल के एक कर्मचारी सुभान खान सहित 14 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की. इसमें एनआइए ने बताया है कि उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया.
वर्ष 2018 में इस संबंध में केस दर्ज किया गया
टीएसपीसी के उग्रवादी आक्रमण जी की अनुशंसा पर ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को ठेका मिला. ट्रांसपोर्टेशन से मिलने वाली राशि का एक बडा हिस्सा टीएसपीसी को मिलता था. प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में इस संबंध में केस दर्ज किया गया और जनवरी, 2020 में एनआइए ने पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी में रहने वाले अजय कुमार सिंह के साथ रांची के ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया को भी गिरफ्तार किया. तब सुदेश केडिया का नाम पहली बार टेरर फंडिंग के मामले में आया.
जब पुलिस मामले की जांच कर रही थी, प्राथमिकी में केडिया का नाम नहीं था. लेकिन, एनआइए की जांच में लेवी वसूली की प्लानिंग और बंटवारे में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप केडिया पर लगा. सुदेश केडिया रांची के रातू रोड में रहते हैं.
एनआइए ने इस मामले में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था
टेरर फंडिंग मामले में 23 अगस्त, 2019 को सीसीएल कर्मी सुभान खान, आधुनिक पावर के जेनरल मैनेजर संजय जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू, प्रदीप राम, अजय सिंह भोक्ता, टीएसपीसी नक्सली बिंदेश्वर गंझू, विनोद गंझू, मुनेश गंझू व बीरबल गंझू के विरुद्ध आरोप तय किया गया था.
एनआइए ने इस मामले में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. यहां बता दें कि सुदेश केडिया पांच साल से कोयला के कारोबार से जुडे हुए हैं और इस जगत में वह बडी हस्ती के रूप में जाने जाते हैं.