झारखंडः एक ही परिवार के 6 सदस्यों ने बुराड़ी पैटर्न पर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में अहम खुलासे
By एस पी सिन्हा | Published: July 15, 2018 02:37 PM2018-07-15T14:37:58+5:302018-07-15T14:43:59+5:30
झारखंड के हजारीबाग में देर रात एक ही परिवार के 6 लोगों ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। मौके से दो सुसाइड नोट बरामद हुए हैं।
रांची, 15 जुलाईः झारखंड हजारीबाग जिले के जिला मुख्यालय में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी है, जहां शनिवार की देर रात दिल्ली के बुराडी कांड जैसे ही एक परिवार के छह सदस्यों ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। जांच में मौत की वजह कर्ज को बताया जा रहा है, लेकिन हत्या के कारणों को तलाशने में पुलिस जुटी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हजारीबाग में यह घटना खजांची तालाब स्थित सीडीएम अपार्टमेंट की है। पडोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां घर के मुखिया समेत दो पुरुष, दो महिलाएं और दो बच्चे मृत पाए गए।
पुलिस ने घटना स्थल से दो सुसाइड नोट बरामद किए हैं। इनमें जिन कारणों का उल्लेख किया गया है वे हैं- बीमारी, दुकान बंद, दुकानदारों का बकाया न देना और कर्ज। इस सुसाइड नोट पर यह भी जिक्र है अमन को लटका नहीं सकते थे इसलिए उसकी हत्या की गई। वहीं पडोसियों ने बताया कि परिवार का मुखिया नरेश महेश्वरी बीते काफी दिनों से परेशान थे। इस बाबत डीएसपी चंदन वत्स ने बताया कि प्रथम दृष्टया देखने पर ये आत्महत्या का मामला लग रहा है। फिलहाल फॉरेंसिक टीम बुलाई गई है। इसके बाद ही जांच की कार्रवाई को आगे बढाया जाएगा। वहीं मरने वालों में दो महिलाएं, दो पुरुष और दो बच्चे शामिल हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि दिल्ली के बुराडी में बीते दिनों एक परिवार के 11 लोगों की सामूहिक खुदकुशी का मामला सामने आया था। बताया जा रहा है कि हजारीबाग में छह लोगों में दो लोगों ने फांसी लगाकर जान दी। एक बच्चे की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई जबकि एक बच्ची को जहर देकर मारा गया। एक महिला की गला दबाकर हत्या की गई है। ऐसा लगता है कि परिवार के पांच लोगों की मौत के बाद सबसे अंत में नरेश अग्रवाल ने छत से कूदकर जान दे दी। यह सुसाइड नोट घर के मुखिया यानि बाकी पांचों सदस्यों का कत्ल करने वाले नरेश ने लिखकर छोडा था।
इस नोट ने उन कारणों को उगला जिनमें उलझकर नरेश अपनी ही मां, पत्नी और बच्चों का हत्यारा बन गया। नरेश ने चार लिफाफे छोडे थे। एक लिफाफे में पावर ऑफ अटोर्नी थी। ब्राउन लिफाफे पर लाल स्याही से लिखा है कि अमन को लटका नहीं सकते थे, इसलिए उसकी हत्या करनी पडी। अमन नरेश का दस साल का बेटा था। जिसको उसके ही बाप ने मौत की नींद सुला दी। ऐसा ही नरेश ने अपनी बेटी के साथ किया। नरेश ने बेटी का गला नहीं बल्कि उसकी हंसी, किलकारी उसके सपने, सबका गला घोंट दिया।
इसके नीचे नीली स्याही से मोटे अक्षरों में सुसाइड नोट में लिखा है, बीमारी+दुकान बंद+दुकानदारों का बकाया न देना+बदनामी+कर्ज= तनाव (टेंशन)= मौत।
इन्हीं कारणों ने पहले बेकसूर और कसूरवार दोनों की जान ले ली। परिजनों ने बताया कि नरेश पर 50 लाख से भी ज्यादा का कर्ज था और जिससे वो डिप्रेसन में रहता था। मृतकों के नाम नरेश अग्रवाल, महावीर माहेश्वरी, किरण अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, अन्वी अग्रवाल और अमन अग्रवाल हैं। किरण माहेश्वरी और उनकी बहू प्रीति अग्रवाल का शव एक कमरा में मिला है जबकि दूसरे कमरे में महावीर माहेश्वरी और उनके पोते अमन का शव मिला। नरेश की तीन साल की बेटी अन्वी का शव बरामदे में पडा मिला।
नरेश अग्रवाल का शव फ्लैट के नीचे कम्पाउंड में मिला। शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा है, लेकिन पुलिस हत्या की आशंका से भी इन्कार नहीं कर रही है। कहा जा रहा है कि एक साथ छह लोगों की मौत के इस मंजर से ऐसा लगता है कि किसी ने इन सबकी हत्या कर दी है। हालांकि, पुलिस जांच के बाद ही कुछ भी कह पाने की स्थिति में होगी। जानकारों के अनुसार सामूहिक मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. पुलिस तत्परता और सक्रियता से अनुसंधान में जुटी है।
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