गोड्डाः मुश्किल में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, सीएम सोरेन दर्ज कराई एक और याचिका, डिग्री का मामला हाईकोर्ट में, सदस्यता रद्द करने की मांग
By एस पी सिन्हा | Published: September 8, 2020 07:38 PM2020-09-08T19:38:00+5:302020-09-08T19:38:00+5:30
मामले की सुनवाई 11 सितंबर को होगी. इससे पहले भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निशिकांत दुबे के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की है. निशिकांत दुबे द्वारा ट्विटर पर मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाये गये थे. इससे आहत सीएम ने उन्हें कानूनी रूप से जवाब देने की बात कही थी.
रांचीः झारखंड के गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दूबे की मुश्किलें लगातार बढ़ती दिख रही हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की है.
इस मामले की सुनवाई 11 सितंबर को होगी. इससे पहले भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निशिकांत दुबे के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की है. निशिकांत दुबे द्वारा ट्विटर पर मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाये गये थे. इससे आहत सीएम ने उन्हें कानूनी रूप से जवाब देने की बात कही थी.
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से मिसलेनियस सिविल एप्लीकेशन (विविध दीवानी याचिका) दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि भविष्य में गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा इस तरह की टिप्पणी नहीं की जायेगी. याचिका सब जज-1 की अदालत में दाखिल की गई है. इस पर 11 सितंबर को सुनवाई होगी.
दाखिल मुकदमा को स्वीकार करने के बिंदु पर भी आंशिक सुनवाई हुई
इसके साथ ही चार अगस्त को दाखिल मुकदमा को स्वीकार करने के बिंदु पर भी आंशिक सुनवाई हुई. इस मामले की भी सुनवाई 11 सितंबर को होगी. यहां बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ चार अगस्त को मुकदमा दायर किया गया था. इसमें ट्विटर और फेसबुक को भी प्रतिवादी बनाया गया है.
सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों ट्विटर पर मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाये थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर ही कहा था कि वह 48 घंटे के अंदर आरोप का जवाब कानूनी रूप से देंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से रांची के सिविल कोर्ट में सब जज-वन वैशाली श्रीवास्तव की अदालत में मुकदमा किया है. सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट से आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने ये कदम उठाया है.
दुबे की एमबीए डिग्री को लेकर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई
इसके अलावे निशिकांत दुबे की एमबीए डिग्री को लेकर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका में इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग की गई. इसको लेकर दानिश ने याचिका दाखिल की है. याचिका में निशिकांत दुबे की सदस्यता को भी रद्द करने की मांग की है. इसतरह भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए डिग्री को लेकर राज्य में माहौल गर्म है.
राज्य की सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने निशिकांत दुबे की डिग्री को फर्जी बताया है. याचिकाकर्ता के अनुसार निशिकांत दूबे ने वर्ष 2009, वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग को जो हलफनामा दिया है, उसमें बताया है कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से एमबीए की डिग्री ली है.
लेकिन, पिछले दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय ने सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में कहा है कि निशिकांत दुबे नाम के किसी भी व्यक्ति ने दिल्ली विश्वविद्यालय से मैनेजमेंट की डिग्री नहीं ली है. याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के निदेशक एवं निशिकांत दुबे को पक्षकार बनाया गया है. वहीं याचिकाकर्ता ने भारत निर्वाचन आयोग से निशिकांत दूबे की लोकसभा सदस्यता तत्काल निरस्त करने की भी मांग की है.
इधर, इस मामले में सीआइडी भी जांच कर रही है. देवघर के रहने वाले विष्णुकांत झा ने भी आरोप लगाया है कि सांसद की डिग्री फर्जी है. उन्होंने इसकी शिकायत देवघर पुलिस और मुख्यमंत्री कार्यालय से की है. मुख्यमंत्री कार्यालय के पास शिकायत आने के बाद इसकी जांच सीआइडी कर रही है.