पुत्र की चाह में महिला से बनाए अवैध संबंध, पत्नी की शिकायत पर आईपीएस पंकज चौधरी की छुट्टी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 7, 2019 08:00 AM2019-03-07T08:00:09+5:302019-03-07T08:00:09+5:30
जयपुर, 6 मार्चः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के 2009 बैच के अधिकारी पंकज कुमार चौधरी को बर्खास्त कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें गंभीर दुराचार का दोषी माना है. उनके खिलाफ यह कार्रवाई संतान की चाहत में एक अन्य महिला से अवैध संबंध रखने के लिए की गई है. मंत्रालय के आदेश के अनुसार, चौधरी ने एआईएस (आचरण) नियम 1968 के नियम 3 (1) का उल्लंघन किया था. इस नियम के अनुसार सेवा का प्रत्येक सदस्य हर समय कर्तव्य के प्रति पूर्ण निष्ठा और समर्पण बनाए रखेगा और ऐसा कोई भी कार्य नहीं करेगा, जो सेवा के सदस्य के लिए अनुचित हो.
आईपीएस अधिकारी की पत्नी द्वारा चौधरी के अन्य महिला के साथ संबंध होने की शिकायत के बाद उनके खिलाफ अप्रैल 2016 में एक जांच शुरू की गई थी. सरकार ने सभी दस्तावेजों और सख्त कार्यवाही की अनुशंसा के साथ प्रस्ताव को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी था. मंत्रालय ने इस पर संघ लोक सेवा आयोग की टिप्पणी मांगी थी. चौधरी को संघ लोक सेवा आयोग के परामर्श पर सेवा से बर्खास्त किया गया है.
आदेश में बताया गया कि अधिकारी ने 4 दिसंबर 2005 को विवाह किया था और कानूनन अपनी पत्नी से एक मई 2018 को तलाक लिया. इससे पहले वह कानूनी तौर पर पत्नी से अलग नहीं हुए थे, लेकिन उन्होंने अन्य महिला के साथ संबंध बनाए और एक बच्चे के पिता बने. जिसका जन्म जयपुर के एक अस्पताल में 14 मई 2011 को हुआ था.
कोर्ट में देंगे चुनौती
चौधरी के गांधी नगर स्थित निवास के गेट पर चस्पा किए गए और सौंपे गए आदेश के संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मुझे आदेश मिल गया है और मैं इसे केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दूंगा.
विवादों से रहा है नाता
44 वर्षीय पंकज चौधरी वाराणसी निवासी हैं. जैसलमेर में फरवरी-जुलाई 2013 तथा बूंदी में जनवरी-सितंबर 2014 के दौरान पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहे और दोनों ही जिलों में विवादों में बने रहे. चौधरी ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही कांग्रेस विधायक शाले मोहम्मद के पिता गाजी फकीर की पुन: हिस्ट्रीशीट खोली थी. वर्तमान में शाले मोहम्मद अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री हैं.
बता दें कि इस जुर्रत के बाद चौधरी का तबादला अजमेर के किशनगढ़ पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में कर दिया गया था. हालांकि इसके बाद उन्हें बूंदी का पुलिस अधीक्षक बनाया गया. लेकिन, सांप्रदायिक तनाव पर काबू नहीं पाने की वजह से उन पर वहां भी कार्रवाई की गई.