Indore Digital Arrest:इंदौर की एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती से ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने एक संगठित गिरोह के 34 बैंक खातों और 1,400 सिम कार्ड की पहचान की है। पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया तरीका है। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने संवाददाताओं को बताया कि गिरोह ने एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रही युवती को पांच महीने पहले कॉल किया और उसे मादक पदार्थों व फर्जी पासपोर्ट के मामले में फंसाने की धमकी दी।
उन्होंने बताया कि गिरोह ने युवती को डिजिटल तौर पर गिरफ्तार करने का झांसा दिया और जांच के नाम पर उससे कुल 12 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में हस्तांरित करा लिए। दंडोतिया ने बताया, ‘‘अब तक की जांच में इस गिरोह के 34 बैंक खातों और 1,400 सिम कार्ड के बारे में पता चला है।
इन सिम कार्ड का इस्तेमाल चार मोबाइल फोन में किए जाने के सुराग मिले हैं। इससे जाहिर है कि यह एक संगठित गिरोह है।’’ उन्होंने बताया कि गिरोह के एक सदस्य को राजस्थान के झालावाड़ से पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और उसके पास से ठगी के दो लाख रुपये बरामद भी किए गए। दंडोतिया ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के साथ ही पुलिस की विस्तृत जांच जारी है।