एक्शन में आयकर विभाग, पुणे के तंबाकू समूह पर कार्रवाई, करीब 335 करोड़ की अघोषित आय का पता लगाया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 22, 2021 08:08 PM2021-02-22T20:08:58+5:302021-02-22T20:10:34+5:30
आठ करोड़ रुपये से ज्यादा के नकद और विभिन्न देशों की 44 लाख से अधिक की विदेशी मुद्रा जब्त की गयी है।
नई दिल्लीः आयकर विभाग ने पुणे के एक कारोबारी समूह के यहां तलाशी के दौरान करीब 335 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है।
समूह तंबाकू उत्पादों और संबंधित सामानों की पैकेजिंग और बिक्री में शामिल है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि तलाशी 17 फरवरी को महाराष्ट्र में 34 स्थानों पर शुरू की गयी। इस दौरान एक करोड़ रुपये नकद जब्त किये गये। समूह ने इसके स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
बयान के अनुसार, ‘‘करदाता ने नौ करोड़ रुपये की रीयल एस्टेट संपत्ति बेचकर लाभ कमाने की बात स्वीकार की है। जबकि इसका कोई रिकार्ड नहीं था।’’ सीबीडीटी ने कहा कि अब तक 335 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।
समूह पुणे के संगमनेर इलाके का है और उसकी इकाइयां तंबाकू और उससे संबंधित उत्पादों की पैकेजिंग और बिक्री, बिजली उत्पादन एवं वितरण, दैनिक उपयोग के सामान (एफएमसीजी) की बिक्री तथा रीयल एस्टेट विकास से जुड़ी हैं। बयान के अनुसार हाथ से लिखे और कंप्यूटर में उपलब्ध साक्ष्यों से तंबाकू बिक्री से संबद्ध 243 करोड़ रुपये नकद बिक्री का पता चला है जिसका कोई रिकार्ड नहीं है।
सोया समूह के परिसरों की तलाशी, 450 करोड़ रुपये के कालाधन का पता लगाया
आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश के सोया उत्पाद बनाने वाले समूह के परिसरों की तलाशी में 450 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को यह जानकारी दी। तलाशी 18 से 22 फरवरी के बीच समूह के बैतूल और सतना (मध्य प्रदेश), मुंबई और सोलापुर (महाराष्ट्र) तथा पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ली गयी।
सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, ‘‘लैपटॉप, हार्ड ड्राइव, पेन ड्राइव जैसे डिजिटल मीडया में कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो समूह को दोषी ठहराते हैं।’’ सीबीडीटी के बयान के अनुसार, ‘‘अब तक की जांच से 450 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।’’
समूह ने आठ करोड़ रुपये के स्रोत का पता नहीं बताया। इसके अलावा जांच के दौरान नौ बैंक लॉकर भी पाये गये। बयान में कहा गया है, ‘‘समूह ने कोलकाता स्थित मुखौटा कंपनियों से भारी प्रीमियम पर शेयर पूंजी के माध्यम से 259 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय अर्जित की है।’’
समूह ने जिन कंपनियों का दावा किया, उनमें से कोई भी दिये गये पते पर परिचालन में नहीं थी। बयान के अनुसार समूह ने समूह की इकाई के शेयर बिक्री पर गलत तरीके से 27 करोड़ रुपये के दीर्घकालीन पूंजी लाभ (एलटीसीजी) छूट का भी दावा किया। जांच में पाया गया कि इन शेयरों की खरीद सही नहीं थी।